सोनिया मिश्रा/ चमोली. देवभूमि उत्तराखंड की खूबसूरत विंटर डेस्टिनेशन और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शीतकालीन खेल स्थल औली से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर गोरसों बुग्याल स्थित है. जो अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. यहां की खूबसूरती का दीदार करने देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं. चमोली जिले के जोशीमठ से 19 किलोमीटर की दूरी पर हिमालयी अल्पाइन घास का मैदान स्थित है. जिसे गोर्सो या गोरसों के नाम से जाना जाता है.
यह बुग्याल एक स्कीइंग स्थल है, जिसकी औसत ऊंचाई लगभग 3056 मीटर है. वसंत ऋतु में जहां एक ओर यह क्षेत्र चारों तरफ से हरी घास से ढक जाता है, वहीं शीतकाल में यहां कई फीट बर्फ गिरती है. जिस पर सूर्य की रोशनी पड़ने पर यह बुग्याल चांदी के समान चमकता है. यह बुग्याल हरे-भरे घास के मैदान (चारागाहों) की एक बड़ी भूमि है जिसके चारों ओर घने शंकुधारी वन और बांज के पेड़ हैं.
ट्रेकर्स और फोटोग्राफर्स के लिए बेस्ट प्लेस
गोरसों बुग्याल चूंकि बेहद खूबसूरत जगह है, इसलिए यह फोटोग्राफी के लिए बेस्ट जगह है क्योंकि यहां से हिमालय की सुंदर चोटियों में माउंट नंदा देवी, द्रोणागिरी, नीलकंठ, हाथी पर्वत, गौरी पर्वत, नर पर्वत के नजारे बेहद खूबसूरत दिखाई देते हैं. साथ ही ऊंचाई वाली इन जगह पर पहुंचने से प्रकृति से रूबरू होने का मौका भी मिलता है. औली के रहने वाले कुलदीप बताते हैं कि गोर्सों बुग्याल क्योंकि हरियाली से घिरा क्षेत्र है. इसलिए यह मवेशियों के लिए यह चारागाह का क्षेत्र है. गोरसों लगभग 10 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है, जहां मई जून में पर्यटक बड़ी तादाद में पहुंचते हैं.
सरकार की उपेक्षाओं के कारण नहीं हुआ विकास
जोशीमठ निवासी महादीप पंवार बताते हैं कि यह क्षेत्र औली के ऊपरी भाग में कई मील तक फैला घास का मैदान है, जो बेहद खूबसूरत है. इसी क्षेत्र से होकर पर्यटक साहसिक पर्यटन के लिए पर्यटक क्वारी पास, पांगर चुला, लॉर्ड कर्जन रोड जैसे कई साहसिक पर्यटक स्थलों तक पहुंचते हैं. सरकार की उपेक्षाओं के कारण और व्यापक प्रसार न होने के कारण आज भी दुनिया से ओझल है, लेकिन उसके बावजूद साहसिक क्षेत्रों में रुचि रखने वाले पर्यटक इन जगहों का दीदार करने लगातार आते रहते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 18:45 IST