ट्रक ड्राइवर्स के समर्थन में बोले राहुल गांधी, शहंशाह के फरमान और न्याय के बीच का फर्क भूल चुकी है सरकार

सड़क दुर्घटना पर भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों को लेकर ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। इसको लेकर उन्होंने एक एक्स पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है। उन्होंने आगे कहा कि जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं।

सरकार पर वार करते हुए राहुल ने कहा कि सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्टी में झोंकना उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। और साथ ही, इस कानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ ‘वसूली तंत्र’ को बढ़ावा दे सकता है। उन्होंने हमला जारी रखते हुए कहा कि लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार ‘शहंशाह के फरमान’ और ‘न्याय’ के बीच का फर्क भूल चुकी है। 

आपको बता दें कि भारतीय न्याय संहिता ने ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता का स्थान ले लिया है, जिसमें कहा गया है कि जो चालक लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और पुलिस या किसी प्रशासनिक अधिकारी को सूचित किए बिना भाग जाते हैं, उन्हें 10 साल तक की सजा या 7 लाख का जुर्माना हो सकता है। आईपीसी के तहत ऐसे मामलों में दो साल की सज़ा थी। इन प्रावधानों ने महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सहित कुछ राज्यों में ट्रांसपोर्टरों और ऑटो-चालक संघों के हड़ताल पर जाने के साथ बड़े पैमाने पर हंगामा खड़ा कर दिया है।

इन राज्यों में ईंधन स्टेशनों पर ग्राहकों की भारी कतारें देखी गईं, ट्रक ड्राइवरों की हलचल के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई और लोगों ने घबराहट में खरीदारी शुरू कर दी। हिट-एंड-रन मामलों पर नए कानून में कड़ी सजा के विरोध में कई राज्यों में ट्रक, बस और टैंकर ऑपरेटरों ने सोमवार को आंदोलन शुरू किया। सूत्रों के मुताबिक, देशव्यापी हड़ताल के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला आज शाम एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। ट्रांसपोर्टर यूनियन बैठक में शामिल होगी। 

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