ट्यूशन टीचर के बेटे ने JEE मेंस में हासिल किए 99.4 प्रतिशत, जानिए एक सीख से कैसे बदली जिंदगी

राजकुमार सिंह/ वैशाली: मशहूर लोकोक्ति है कि पूत के पांव पालने में हीं दिख जाते हैं. इसका मतलब यह है कि होनहार बच्चे किसी भी परिस्थिति या परेशानी से पार पाकर सफल जरूर होते हैं. कुछ ऐसा हीं कर दिखाया है वैशाली के शशांक ने, जो पिछले दो साल से हाजीपुर में रहकर अपने पिता के सपनों को साकार करने में जुटा था. घर से 300 किलोमीटर दूर रहकर भी अपने लक्ष्य से डिगा नहीं और अपनी मेहनत के दम पर जेईई मेन में 99.4 परसेंटाइल अंक लाकर सफलता अर्जित किया. शशांक की इस सफलता पर घर से लेकर कोचिंग तक में जश्न का माहौल है.

दरअसल, शशांक सिंह सुपौल जिला के गुनहा गांव का रहने वाले हैं. शशांक के पिता गांव में बच्चों को पढ़ाकर घर का खर्च चलाते हैं. घर की आर्थिक स्थिति और पिता की परेशानी को दूर करने का संकल्प लिए शशांक बिहार बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद हाजीपुर आ गए. यहां उन्होंने गुरुकुल कोचिंग में स्कॉलरशिप परीक्षा को पास किया. इसके बाद शशांक को फीस नहीं देनी पड़ी. शशांक ने बताया कि दो साल की कठिन मेहनत के साथ पढ़ाई के बाद आखिरकार जेईई मेन की परीक्षा को पास कर अपने पिता और गुरुकुल कोचिंग का नाम भी रौशन कर दिया है.

अंग्रेजी में कमजोर रहने के चलते दो महीने करना पड़ा मेहनत
शंशाक ने बताया कि जब बिहार बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा पास की तब घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. गांव में हीं एक शिक्षक राजीव सर जो बच्चों को पढ़ाते हैं ने बताया कि हाजीपुर में एक गुरुकुल क्लासेस कोचिंग सेंटर है. जहां बच्चे स्कॉलरशिप के एग्जाम पास कर लेते हैं तो उन्हें फ्री ऑफ कॉस्ट पढ़ाई कराई जाती है. जब यहां पहुंचे तो अंग्रेजी नहीं आती थी. तब दो महीने तक मेहनत किया और उसके बाद एग्जाम दिया. जिसमें पास हो गए तो कोंचिग से पूरा सहयोग मिला. जिसके बाद यह सफलता हासिल करने में सफलता पाई और 99.4 परसेंटाइल अंक लाकर बेहद खुश हैं.

Tags: Local18, Vaishali news

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