टॉयलेट में ज्यादा जोर लगाने से हो सकती है मौत ! ऐसे लोगों को सबसे ज्यादा खतरा

हाइलाइट्स

मल त्याग करते समय ज्यादा जोर लगाने से शरीर में खून के थक्के जमने का खतरा होता है.
कब्ज के मरीजों को मल त्याग करते वक्त हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है.

Can Constipation Lead To Heart Attack: आज के दौर में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बड़ी संख्या में युवा भी इसी खतरनाक कंडीशन का शिकार होकर जान गंवा रहे हैं. हार्ट अटैक की कई वजह हो सकती है, जिनमें कब्ज यानी कॉन्स्टिपेशन भी एक है. कब्ज एक कॉमन परेशानी है, जो तेजी से बढ़ रही है. शौच क्रिया प्रतिदिन न होकर कई दिनों में एक बार होना या शौच के दौरान अत्यधिक जोर लगाना कब्ज की सबसे बड़ी पहचान है. आमतौर पर लोग इसे पेट ठीक से साफ न होने की समस्या बताते हैं. लंबे समय तक कब्ज रहने से लोग मेंटली परेशान रहते हैं और इससे बवासीर, फिशर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, बड़ी आंत का ट्यूमर, डायबिटीज और थायरॉयड का खतरा बढ़ जाता है. आज डॉक्टर से जानेंगे कि कब्ज किस तरह हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन सकती है.

मुंबई के झायनोव्हा शाल्बी हॉस्पिटल के लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. हेमंत पटेल के मुताबिक मल त्याग करते समय कब्ज के कारण जोर लगाने से सीने में दर्द हो सकता है और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है. दरअसल कब्ज के कारण मल त्यागने में जोर लगाना पड़ता है और इससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है. ऐसी कंडीशन में खून के धक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है. कुछ मामलों में इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है. रिसर्च की मानें तो कब्ज के कारण आंत माइक्रोबायोम में परिवर्तन से हृदय संबंधी समस्याएं जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य हार्ट से जुड़ी जटिलताएं हो सकती हैं. बढ़ती उम्र के साथ कब्ज की समस्या ज्यादा होने लगती है. हालांकि यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि कब्ज के हर रोगी को दिल का दौरा नहीं पड़ेगा. कुछ मामलों में ऐसा होता है.

डॉक्टर की मानें तो कब्ज एसिड रिफ्लक्स को बढ़ावा देकर सीने में परेशानी का कारण बनती है. इससे सीने में गैस और जलन होती है. हालांकि इससे घबराना नहीं चाहिए. सीने में दर्द के सही कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कब्ज को नियंत्रित करने के लिए समय पर इलाज जरूरी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी भी कब्ज का कारण बन सकती है. अगर आप सप्ताह में तीन से कम बार मल त्याग कर पा रहे हैं या मल सूखा, कठोर या गांठदार आ रहा है, तो यह कब्ज का संकेत हैं. मल त्याग करते समय तनाव या दर्द हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

एक्सपर्ट के अनुसार कब्ज से बचने के लिए लोगों को प्रतिदिन एक्सरसाइज करनी चाहिए, रेगुलर वॉक करनी चाहिए और खूब फल, सब्जी व सलाद खाना चाहिए. इसके अलावा एक दिन में 8-10 ग्लास पानी पीना चाहिए. जिन लोगों को डायबिटीज या थायरॉइड की समस्या है, उन्हें कब्ज होने पर डॉक्टर से मिलकर तुरंत इलाज कराना चाहिए. यह भी ध्यान रखें कि अगर कब्ज के साथ मलद्वार से खून आता है या शरीर में खून की कमी है या अत्यधिक वजन कम होता जा रहा है, तो जल्द से जल्द इलाज कराएं.

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Tags: Health, Heart attack, Lifestyle, Trending news

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