सृजित अवस्थी/ पीलीभीत: टेरिटरी फाइटिंग शब्द सुनते ही हमारे मन में बड़े प्रजाति के जानवरों जैसे बाघ, तेंदुआ व शेर आदि की तस्वीर आती है. लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि खूबसूरती की नज़ीर माना जाने वाला कोई खूबसूरत पक्षी भी आक्रामक रुख अपना सकता है. जी हां, जिस मोर को उसकी खूबसूरती के लिए जाना जाता है वह भी अपनी टेरिटरी के लिए दूसरे नरों से लड़ जाता है.
एक नर मोर अपने पंखों की वजह से काफी खूबसूरत हो जाता है. वहीं यह पंखों के चलते मादाओं से अलग नजर आता है. अधिकांश लोग मोर को उसकी खूबसूरती व उसके नृत्य के लिए ही जानते हैं. लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि अपने आशियाने के लिए खूबसूरत सा नजर आने वाला ये पक्षी काफी खूंखार हो जाता है.
मोर क्यों करता है डांस?
लंबे अरसे से तराई के जंगलों पर लेख लिखते आ रहे वरिष्ठ पत्रकार व वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. अमिताभ अग्निहोत्री ने मोर के व्यवहारों पर अधिक जानकारी देते हुए बताते हैं कि मोर का मेटिंग सीजन तकरीबन मार्च से लेकर सितंबर तक रहता है. वहीं इंसानों से हटकर मोर मादा के साथ केवल मेटिंग तक ही रहता है. इसके बाद वह अन्य मादाओं की ओर रुख कर लेता है. आमतौर पर मोर मादाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नृत्य करता है. वहीं इस अवधि के दौरान वह अपनी टेरिटरी को लेकर काफी अधिक रक्षात्मक हो जाता है.
मेटिंग के बाद नर मोर मादा से हो जाता है अलग
डॉ. अमिताभ अग्निहोत्री ने बताया कि इस दौरान वह अपनी टेरिटरी में किसी भी अन्य नर मोर को नहीं आने देता. यह टेरिटरी कई बार एकड़ों तक की भी होती है. वहीं अपनी टेरिटरी की रक्षा के दौरान आक्रामक तेवर से भी वह मादाओं को रिझाने का प्रयास करता है. हालांकि मोर की टेरिटरी में अमूमन एक से अधिक मादाएं पाई जाती हैं. मेटिंग के बाद नर मोर मादा से किनारा कर लेता है. इसके बाद मादा ही अंडों का ख्याल रखती है.
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FIRST PUBLISHED : February 8, 2024, 19:12 IST