टीवी प्रोग्राम ने बदली किसान की किस्मत, शुरू की इस फसल की खेती, अब लाखों में इनकम

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. स्ट्रॉबेरी की खेती अब बीहड़ में भी होने लगी है. इससे किसानों को लागत से चार गुना अधिक फायदा हो रहा है. यही कारण है कि पश्चिम चम्पारण जिले के अधिकांश किसान अब स्ट्रॉबेरी की खेती करने लगे हैं. किसानों की मानें तो जब पारंपरिक फसलों की खेती से उन्हें लाभ मिलना बंद हो गया, तो वे लोग स्ट्रॉबेरी की खेती करने लगे. किसान के अनुसार उन्हें स्ट्रॉबेरी की खेती करने का ख्याल दूरदर्शन के एक कार्यक्रम से आया. जिसके बाद उन्होंने स्ट्रॉबेरी की फार्मिंग शुरू कर दी. यकीन मानिए आज उनकी स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है. अब वे स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं.

जिले के नरकटियागंज, मझौलिया और नौतन प्रखंड के अधिकतर किसान स्ट्रॉबेरी की फार्मिंग कर रहे हैं. इन्हीं किसानों में से एक हैं, बनकट मुसहरी गांव के रविकांत पांडे. रविकांत कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. 10 वर्षों तक आलू, गन्ना, धान और गेहूं की परंपरागत खेती करने के बाद उन्होंने कृषि से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया था. उनका कहना है कि खेती से इतनी इनकम नहीं हो पाती थी, जिससे वे अपना परिवार चला पाए. फिर एक दिन उन्होंने दूरदर्शन पर स्ट्रॉबेरी की खेती पर विशेष एपिसोड देखा. उसी दिन उन्होंने इस फल की खेती का मन बना लिया. रविकांत ने इसकी खेती आधे एकड़ से शुरू की. इस पर एक लाख का खर्च आया. अक्टूबर में पौधरोपण के बाद अगले वर्ष मार्च में उनकी फार्मिंग पूरी हुई, जिससे उन्हें 4 लाख रुपए की कमाई हुई.

ऐसे करें स्ट्रॉबेरी की फार्मिंग
रविकांत अब अपने अनुभव से एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की फार्मिंग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसकी खेती के लिए सबसे पहले मिट्टी की सही परख होनी चाहिए. स्ट्रॉबेरी की फार्मिंग बलुआही दोमट मिट्टी में बेहतर होती है. एक एकड़ में आप करीब 22000 पौधे लगा सकते हैं. हालांकि इसकी सिंचाई के लिए आपको ड्रिप तकनीक अपनानी होगी. वे बताते हैं कि पौधा लगाने के महज 40 से 50 दिनों के अंदर ही फलन शुरू हो जाता है. बकौल रविकांत, जिले में स्ट्रॉबेरी की डाउन विंटर वैरायटी का फलन अच्छा होता है. इसकी एक सैपलिंग महज ढाई रुपए की आती है. जिसे पूना से मंगाया जाता है.

Tags: Farming, Local18

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