टीचर की नई पहल, स्कूल के पास बंजर भूमि पर बनाया किचन गार्डन, बच्चों को मिल रहा पौष्टिक आहार

बिट्टू सिहं/अंबिकापुरः अध्यापक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, तो इसका परिणाम हमेशा सुखद होता है. ऐसा ही छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में स्थित प्राथमिक शाला पर तुलसी के प्रधान पाठक रंजय सिंह ने सर्वांगीण विकास के लिए एक प्रयास किया है. जिन्होंने अपने स्कूल के आसपास खाली पड़ी जमीन पर किचन गार्डन तैयार किया है, जिसमें तैयार होने वाली साग सब्जियों को बनाकर बच्चों के लंच की थाली में परोसा जा रहा है. इससे अब स्कूल के बच्चों को दो प्रकार की सब्जी भी खानें को मिलती है, इससे बच्चों में पढाई करना का जज्बा और बढ रहा है.

आपको बता दें कि, जिलें में कई ऐसे स्कूल भवन है, जिनके आसपास की खाली भूमि पर अभिभावक शिक्षक और बच्चों के सहयोग से किचन गार्डन विकसित कर कुछ शिक्षकों ने उदाहरण प्रस्तुत किया है. हालांकि, किचन गार्डन विकसित करने के शासन-प्रशासन का विशेष जोर रहा है. मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलें के अधिकारियों को किचन गार्डन विकसित करने के निर्देश दिए गए है. लेकिन, शिक्षकों के ध्यान नहीं देने के कारण स्कूल भवन के आस-पास की खाली पड़ी भूमि पर अतिक्रमण भी हो रहा है. वहीं मवेशियों का अड्डा बन रहा है, सरकारी स्कूलों में कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं, जो अभिभावकों के सहयोग से ताजी सब्जियां स्कूल परिसर में उगाकर बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहे हैं.

बच्चों को मिल रही तरह-तरह की सब्जियां
प्राथमिक शाला सड़कपारा तुलसी के प्रधान पाठक रंजय सिंह ने पदस्थापना के बाद से ही स्कूल में बदलाव किया है. स्कूल भवन के आस-पास की खाली पड़ी भूमि को किचन गार्डन के रूप में विकसित किया है. उन्होंने बच्चों के सहयोग से भिंडी लौकी, मक्का, कुम्हडा और लकड़ा इत्यादि लगाया है. जिससे अभी वर्तमान में लौकी, भिंडी बच्चों को खाने के लिए एक-दो दिन के अंतराल में मिलती है. शिक्षक द्वारा केला, पपीता के पौधे का भी रोपण किया गया है. किचन गार्डन विकसित करने के कारण विद्यालय के आसपास हरियाली लोगों को आकर्षित कर रहा है.

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