Ranchi:
झारखंड कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए महिलाकर्मियों को 730 दिनों का मातृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया है. इस फैसले के बाद महिलाकर्मियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है और वह लगातार मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का आभार जता रही है. झारखंड सरकार के इस फैसले के बाद सोमवार को महिला बाल विकास और समाजिक सुरक्षा विभाग की सैकड़ों महिलाकर्मी अबीर-गुलाल व ढोल नगाड़े के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंची और सीएम का शुक्रिया किया. इसके साथ ही इस पर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को लेकर उनकी सरकार प्रतिबद्ध है और समाज राज्य, मजबूत परिवार और देश के निर्माण के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है.
महिलाओं के लिए झारखंड सरकार का बड़ा फैसला
इस वजह से ही उनकी सरकार ने महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है. इसी में से एक है कि अब महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश के रूप में बच्चों के पालन पोषण के लिए के लिए 2 साल का अवकाश देने का फैसला किया है. वहीं, इस मौके पर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. इससे महिलाओं का मनोबल बढ़ेगा और वे समर्पित भाव से अपने दायित्वों का पालन करते हुए राज्य के विकास में भागीदारी करेंगे.
CAA पर राज्यपाल ने कही बड़ी बात
इधर, झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने केंद्र सरकार द्वारा देश में लागू किए गए सीएए पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भारत अनाथों का देश नहीं है कि कोई भी यहां आकर बस जाए. हमें इसके लिए स्टीम लाइन तैयार करनी पड़ेगी. भारत पहले से ही 140 करोड़ की आबादी वाला देश है. इसलिए यह कदम यहां अवैध रूप से रहने वाले लोगों के लिए उठाया गया है. झारखंड के संदर्भ में भी राज्यपाल ने कहा कि डेमोग्राफिक चेंज को देखते हुए इसे लागू किया गया है. वहीं, उन्होंने आगे कहा कि जब भी कोई नया कानून आता है तो सवाल खड़े होते ही हैं, लेकिन हमें इसके पीछे के मकसद को समझना पड़ेगा. राज्यपाल ने यह बात रांची बनारस वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन समारोह में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा.