झारखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण आज : क्या बहुमत साबित कर सकेंगे चंपाई सोरेन?

झारखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण आज : क्या बहुमत साबित कर सकेंगे चंपाई सोरेन?

झारखंड विधानसभा भवन परिसर में रविवार को सुरक्षाकर्मी गश्त करते हुए दिखाई दिए.

नई दिल्ली :

झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और उसके गठबंधन में सहयोगी करीब 40 विधायक आज विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण (floor test) में शामिल होने के लिए हैदराबाद से रांची लौटे. जेएमएम नेता चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद विधायकों को हैदराबाद के पास एक रिसॉर्ट में रखा गया था. पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम के सह-संस्थापक शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन कथित भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं.

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झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने विधायकों को प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा तोड़ने (पाला बदलवाने) के लिए ‘संपर्क’ करने से रोकने के लिए ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ का रास्ता अपनाया.

झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है. सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत के इस न्यूनतम आंकड़े से पांच अधिक विधायक हैं. विधानसभा की 81 सीटों में से एक सीट खाली है, इसलिए 80 सीटों की गिनती करने पर बहुमत का आंकड़ा 41 है.

विधानसभा में जेएमएम, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (ML) के कुल 46 विधायक हैं. इनमें जेएमएम के 28, कांग्रेस के 16, आरजेडी का एक और सीपीआई (ML) का एक विधायक शामिल है.

बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास कुल 29 विधायक हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जब तक कोई बड़ा उलटफेर नहीं होता, झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार फ्लोर टेस्ट में सफल हो जाएगी.

यह पहली बार नहीं है जब जेएमएम को शक्ति परीक्षण का सामना करना पड़ रहा है. सितंबर 2022 में हेमंत सोरेन की सरकार ने फ्लोर टेस्ट में अपने पक्ष में 48 वोटों के साथ बहुमत साबित किया था. तब भी भ्रष्टाचार के आरोपों पर हेमंत सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने का खतरा था.

मौजूदा मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने 90 के दशक के अंत में शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में सक्रियता से भाग लिया था. वे हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन मंत्री थे, उन्हें सोरेन परिवार का भी समर्थन हासिल है.



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