रुपांशु चौधरी/हजारीबाग. झारखंड के प्रसिद्ध नरसिंह स्थान मेला में इस वर्ष मेला कार्तिक पूर्णिमा के दिन हजारीबाग में आयोजित किया गया. इस मेले में हजारीबाग ही नहीं पूरे झारखंड से श्रद्धालु पहुंचे थे. मेले में विभिन्न जिलों के श्रद्धालु मुंडन भी करवाने पहुंचे थे. साथ ही भगवान नरसिंह के प्रिय व्यंजन ईख की प्रदर्शनी लगी थी, जिसमें प्रदेश भर के गन्ना किसान अपना गन्ना बेचने के लिए आए थे.
मंदिर में भगवान नरसिंह के दर्शन करने के लिए सुबह 3 बजे से भक्त आए हुए थे. भगवान नरसिंह का यह मंदिर हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के खपरियावां पंचायत में है. इस संबंध में मंदिर पूजा के अध्यक्ष भावेश कुमार मिश्रा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस साल भी कार्तिक पूर्णिमा में नरसिंह मेला आ आयोजन किया गया था. यह मंदिर उन स्थानों में से एक है, जहां जाकर भक्तों को सभी तरह के मनोवांछित फल मिलते हैं. भगवान नरसिंह को गन्ने और गेंदा फूल का भोग लगता है, जिस कारण प्रदेश भर के किसान इस मेले में लगभग 100 ट्रक से अधिक गन्ना लेकर पहुंचे थे.
जानें मंदिर की मान्यता
भावेश कुमार मिश्रा आगे बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना 1632 ई में पंडित दामोदर मिश्र के द्वारा की गई थी, तब से यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है. पूरे प्रदेश भर के भक्त यहां पर मनोवांछित फल पाने को आते हैं. साथ ही शादी के लिए और बच्चों के मुंडन के लिए यहां सैकड़ों भक्त रोजाना आते हैं. मान्यता यह भी है कि मंदिर में अखंड दीप ज्योति और परिक्रमा कभी व्यर्थ नहीं जाती, जिस कारण दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं. साथ ही इस मेले के माध्यम से आस-पास किसानों के अलावा पूरे झारखंड के गन्ना किसानों की आय में वृद्धि होती है.
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FIRST PUBLISHED : November 27, 2023, 18:53 IST