आदित्य आनंद/गोड्डा. गोड्डा में बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अब आम लोगों को चोरी छिपे बालू नहीं खरीदनी पड़ेगी, जहां जिला प्रशासन ने कैटेगरी वन में पंचायतों के अधीन 24 घाटों से 100 रुपये प्रति ट्रैक्टर की दर से बालू उठाव का आदेश जारी कर दिया है.
वहीं, कैटेगरी-टू के भी 16 बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है. इसमें झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन (जेएसएमडीसी) के अधीन बालू कारोबार का नियंत्रण रहेगा. इन घाटों से बालू का उठाव शुरू कर दिया गया है. जिसमें कैटेगरी वन के 24 घाटों के संचालन की जिम्मेवारी पंचायत स्तर पर गठित कमेटी को दी गई है.
बालू का नहीं होगा व्यावसायिक इस्तेमाल
वहीं जिला खनन पदाधिकारी मेघलाल टुडू ने बताया कि पंचायत स्तर पर संचालन समिति में मुखिया को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा उपमुखिया, पंचायत सचिव व सार्वजनिक संपदा समिति के सदस्य इसमें शामिल हैं. पंचायत स्तर में चयनित कैटेगरी वन के घाटों से निकलने वाली बालू का व्यवसायिक कार्य में उपयोग नहीं होगा. साथ ही इन घाटों की बालू का टेंडर में भी प्रयोग नहीं होगा. सिर्फ व्यक्तिगत व सार्वजनिक कार्य में प्रयोग होगा. पंचायत से संचालित घाट में सिर्फ ट्रैक्टर का प्रयोग होगा व बालू जिले से बाहर नहीं जाएगा. साथ ही दिन में ही उठाव की अनुमति दी गई है. नियम का उल्लंघन होने पर संबंधित मुखिया, पंचायत सचिव व सदस्यों पर कार्रवाई होगी.
कैटेगरी वन में ये घाट
कैटेगरी वन में जिन घाटों को शामिल किया गया है, उनमें गोड्डा प्रखंड में कझिया नदी पर मजडीहा, बंका, सरौतिया, पथरगामा के बरियता स्थित चीर नदी का घाट, पोड़ैयाहाट में बांसलोई नदी में पिंडरा, चीर नदी पर द्रोपद, बसंतराय में गेरूवा नवीपर सनौर और हिलावे बालू घाट शामिल हैं. गोड्डा प्रखंड में ही कझिया नदी पर तेलडीहा, महागामा प्रखंड में शाहीकित्ता, गोड्डा प्रखंड में नोनमाटी, चीर नदी पर दरघट्टी, हरना नदी पर ढाड़ाचक घाट भी कैटेगरी वन में शामिल है. महागामा प्रखंड में विश्वसखानी गेरुवा नदी घाट, सुंदरगड़िया नदी में नरोत्तमपुर घाट, संग्रामपुर, लहठी घाट शामिल है.
घाटों पर हाईवा नहीं जाएगा
सुंदरपहाड़ी प्रखंड में गुमानी नदी पर छोटा धमनी, बड़ा धमनी घाट के अलावा सौर पचीसा गेरुवा नदी घाट भी पंचायत के अधीन है. वहीं गुमानी नदी पर मचानतरी, पोखरिया, कैरासोल, छोटाचमभी दो आदि घाट शामिल है. पंचायत स्तरीय इन घाटों पर हाईवा नहीं जाएगा. न ही बालू की डंपिंग होगी. इसके साथ अधिकतम तीन मीटर गहराई तक ही खनन करना है. प्रति ट्रैक्टर 100 सीएफटी पर 100 रुपये का शुल्क पंचायत के खाते में जमा होगा.
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FIRST PUBLISHED : January 2, 2024, 22:46 IST