झारखंड के इस इलाके में सालों बाद दिखा बाघ, वन विभाग खुश पर लोगों को किया सावधान

रुपांशु चौधरी/हजारीबाग. जिले के वन्य जीव आश्रयणी में कई वर्षों के बाद बाघ देखने को मिला है. दो सप्ताह से इसके पद चिन्ह जंगल के कई इलाकों में देखने को मिल रहे थे. लेकिन, सोमवार के दिन इस बाघ को घूमते हुए वन विभाग के बीट ऑफिसर ने देखा. इस दृश्य को उन्होंने कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया. बता दें कि हजारीबाग के वन्य जीव आश्रयणी में 1980 तक बाघ पाए जाते थे, लेकिन अत्याधिक शिकार और रामगढ़ राज के राजा द्वारा जिंदा बाघ गिफ्ट करने से यहां के जंगलों से बाघ गायब हो गए थे.

दो सप्ताह से थी तलाश
करीब दो सप्ताह पहले एक व्यस्क बाघ के घूमने की सूचना वन विभाग को मिली थी. उस समय बाघ के पदचिन्ह देखे गए थे. साथ ही जंगल में चार जानवरों के शिकार भी हुए. शिकार के बचे हिस्सों को देखने से मालूम होता था कि बाघ ने शिकार किया है. लेकिन, उस समय वन विभाग कुछ भी स्पष्ट कहने से बच रहा था. हालांकि, वन विभाग का संकेत बाघ की ही ओर था. तलाश के लिए वन विभाग द्वारा 9 चिन्हित जगह पर कैमरे इंस्टॉल करवाए गए. साथ ही वन कर्मियों द्वारा पेट्रोलिंग तेज कर दी गई थी. पेट्रोलिंग के दौरान इस बाघ को वन कर्मियों द्वारा देखा गया.

खुशी का पल
डीएफओ अवनीश कुमार चौधरी ने बताया कि हजारीबाग नेशनल पार्क इलाके में एक व्यस्क बाघ वाइल्ड लाइफ के सब बीट ऑफिसर के कमरे में कैद हुआ है. यह हजारीबाग के लिए काफी सुखद समाचार है. बहुत समय से यहां बाघ नहीं देखे गए थे. अब यहां बाघ देखे जा रहे हैं, जो काफी सुखद है.

सुरक्षा का रखें विशेष ध्यान
आगे कहा कि जिले वासियों से अपील है कि बाघ आने के बाद घने जंगलों की ओर जाने से बचें. बाघ ने अभी तक करीब आधा दर्जन जानवरों का शिकार किया है, इसलिए पालतू मवेशी को जंगल में न छोड़ें. शाम होने के बाद जंगल में एकदम न जाएं.

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