झारखंड की भी गजब कहानी… 24वें साल में 12वें मुख्यमंत्री होंगे चंपई सोरेन, सबसे कम दिनों का किनका कार्यकाल

रांची. झारखंड में नई सरकार बनने जा रही है और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) आज प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर पद की शपथ लेंगे. खास बात यह कि वर्ष 2000 में झारखंड गठन के 24वें साल में चंपई सोरेन 12वें मुख्यमंत्री होंगे. खास बात यह कि पिछले 11 बार में सिर्फ 6 लोगों को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है. चंपई सोरेन 7वें नेता होंगे, जो प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बता दें कि इससे पहले बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, हेमंत सोरेन और रघुवर दास को झारखंड का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है.

बता दें कि झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था. बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में राजनीतिक स्थिरता का अभाव रहा है. पहले मुख्यमंत्री के तौर पर बाबूलाल मरांडी ने राज्य के कमान संभालने के बाद से रघुवरदास को छोड़कर अब तक किसी भी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है.

बता दें कि झारखंड में अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन को तीन-तीन बार, हेमंत सोरेन को दो बार, बाबूलाल मरांडी, मधु कोड़ा, रघुवर दास को एक-एक बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है. अब चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले हैं. बता दें कि रघुवर दास ही एक मात्र ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है.

जानकारी के लिए यहां यह भी बता दें कि शिबू सोरेन सबसे कम 10 दिनों के लिए, जबकि BJP के रघुवर दास सबसे ज्यादा 5 सालों के लिए CM रहे. 15 नवंबर 2000 को झारखंड बनने के बाद सत्ता BJP के हाथ में गई और बाबूलाल मरांडी पहले मुख्यमंत्री बने. लेकिन, वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. उन्हें आंतरिक विरोध के कारण मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा.

शिबू सोरेन परिवार का रहा है दबदबा
झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन से जुड़े रहे दिशोम गुरु के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन 3 बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पहली बार 2005 में वो CM की कुर्सी पर बैठे, लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने के कारण 10 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा था. उनके बेटे हेमंत सोरेन दो बार राज्य की कमान संभाल चुके हैं. खास बात यह कि पहली बार भी हेमंत अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे और अब जमीन घोटाला में घिरने के बाद दूसरी बार भी 10 महीने पहले ही इस्तीफा देना पड़ा.

खास बात यह कि झारखंड में भाजपा का दबदबा रहा है, लेकिन रघुवर दास को छोड़ किसी ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया. रघुवर दास 28 दिसंबर 2014 से 28 दिसंबर 2019 तक पूरे 5 वर्ष मुख्यमंत्री रहे. अर्जुन मुंडा 18 मार्च 2003 को पहली बार CM बने थे. इसके बाद 2 बार, यानी वह कुल 3 बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.

मधु कोड़ा को मत भूलिये
निर्दलीय होते हुए भी 18 सितंबर 2006 को मधु कोड़ा झारखंड के सीएम बनने में सफल हो गए थे और राज्य के पांचवें CM के तौर पर शपथ ली थी. वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और 2 साल से भी कम समय के लिए पद पर रहे. बता दें कि निर्दलीय विधायक रहते हुए भी CM बनने के कारण उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है.

इस बार हेमंत सोरेन अपना कार्यकाल पूरा कर लेते, लेकिन जमीन घोटाले में नाम आने के बाद महज 4 साल एक महीने ही झारखंड के मुख्यमंत्री रह पाए. बता दें कि गुरुवार को राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को राजभवन बुलाया और शपथ ग्रहण का न्योता दिया. चंपई सोरेन आज रांची में मुख्यमंत्री पद की शपथ (Champai Soren Oath Ceremony) लेंगे. चंपई को 10 दिन के भीतर बहुमत साबित करना होगा.

यहां यह भी बता दें कि राज्यपाल के न्योते से पहले भी चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था. चंपई सोरेन का दावा है कि उनके साथ 47 विधायकों का समर्थन है. विधायक दल का नेता मनोनीत होने के बाद उन्होंने आदिवासी और गरीबों के हक में लड़ाई जारी रखने की बात कही.

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