झांसी के मेयर से लोगों का सवाल-अवैध मकानों को कैसे मिला सरकारी योजना का लाभ?

शाश्वत सिंह/झांसीः झांसी शहर में लगभग 3 हजार से ज्यादा मकानों को झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा ध्वस्त किए जाने के नोटिस और अन्य हजारों मकान को गिराने की चर्चा के बीच गांधी विद्यालय में चल रहे अनिश्चितकालीन अनशन को 5 दिन हो गए हैं. भीषण ठंड में अनशन पर बैठे लोगों से मिलने के लिए झांसी के महापौर बिहारी लाल आर्य धरना स्थल पर पहुंचे. वह खुद धरना स्थल पर बैठ गए और लोगों से उनकी समस्या के बारे में सुना. उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया वह घर चली जाए.

गांधी विद्यालय में बड़ी संख्या में लोग घर गिराए जाने की आशंका के कारण धरने पर बैठे हैं. मेयर ने धरने पर बैठे लोगों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि किसी भी मकान को ध्वस्त नहीं किया जाएगा. आंदोलन पर बैठे राहुल राजपूत ने कहा कि झांसी विकास प्राधिकरण के अधिकारी निजी काश्तकारों की जमीन को नगर पार्क बताकर उन्हें ध्वस्तीकरण का नोटिस दे रहे हैं. अगर जमीन सरकार की थी तो उस पर रजिस्ट्री कैसे की गई. कई साल तक हमसे टैक्स क्यों लिया गया. यहां तक की कई मकानों को प्रधानमंत्री आवास योजना और हर घर नल योजना का लाभार्थी बनाया गया. राहुल ने यह भी कहा की नोटिस मिलने के बाद तीन लोगों की मृत्यु भी हो गई है.

23 जनवरी से भूख हड़ताल
लोगों की समस्या सुनने के बाद महापौर बिहारी लाल आर्य ने यह आश्वासन दिया कि वे इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे. बिहारी लाल आर्य ने कहा कि झांसी विकास प्राधिकरण को एक भी मकान गिराने का अधिकार नहीं है. जो लोग वर्षों से अपने मकान में रह रहे हैं वह कहां जाएंगे. इस समस्या का समाधान करने के लिए वह इन लोगों की मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराएंगे. दुसरी तरफ स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 23 जनवरी से वह लोग भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

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