ज्योतिप्रिय मलिक को प. बंगाल कैबिनेट से हटाने की मांग को लेकर भाजपा ने किया प्रदर्शन

Jyotipriya Mallik

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इन मांगों के जवाब में टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि पार्टी और राज्य सरकार सही समय पर उचित कार्रवाई करेगी। घोष ने यह भी कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी जैसी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। मलिक के पास वर्तमान में ममता बनर्जी सरकार में वन मामले और गैर-पारंपरिक एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हैं। उन्होंने 2011 से 2021 तक खाद्य आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया था। इस अवधि के दौरान राशन वितरण में कथित तौर पर अनियमितताएं हुई थीं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य भर में विरोध रैलियां निकालीं।
भाजपा नेताओं ने दलील दी कि राज्य सरकार में दागी मंत्री का पद पर बने रहना असंवैधानिक और अवैध है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में कथित राशन वितरण घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया था।
भाजपा की प्रदेश महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने कहा, ‘‘हम मलिक को राज्य मंत्रिमंडल से तत्काल हटाने की मांग करते हैं। भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया व्यक्ति अपने पद पर कैसे बना रह सकता है? यह न केवल असंवैधानिक, बल्कि अवैध भी है।’’

पॉल ने पश्चिम बर्धमान जिले में स्थित अपने विधानसभा क्षेत्र आसनसोल में एक विरोध रैली का नेतृत्व किया।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में रैलियां आयोजित कीं और सभी में मलिक को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की गई।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने सत्तारूढ़ दल पर आरोपों का सामना कर रहे अपने नेताओं के साथ व्यवहार में दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने पिछले साल पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने पर उन्हें तत्काल निलंबित किए जाने एवं हटाने की ओर इशारा किया तथा इसकी तुलना अनुब्रत मंडल और मलिक के मामलों में कार्रवाई नहीं किए जाने से की। मंडल अभी भी टीएमसी की बीरभूम इकाई के अध्यक्ष हैं, जबकि मलिक भी पद पर बने हुए हैं।

इन मांगों के जवाब में टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि पार्टी और राज्य सरकार सही समय पर उचित कार्रवाई करेगी।
घोष ने यह भी कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी जैसी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
मलिक के पास वर्तमान में ममता बनर्जी सरकार में वन मामले और गैर-पारंपरिक एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हैं। उन्होंने 2011 से 2021 तक खाद्य आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया था। इस अवधि के दौरान राशन वितरण में कथित तौर पर अनियमितताएं हुई थीं।

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