
अदालत।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की मांग वाली छह (ग) अर्जी को आठ सप्ताह में निस्तारित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले की सुनवाई को बेवजह टाला न जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने विवेक सोनी तथा अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याची की ओर से कहा गया कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग, फव्वारा सहित कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। सिविल जज सीनियर डिविजन के समक्ष अर्जी दाखिल कर कथित शिवलिंग की पूजा की मांग की गई है। यह अर्जी 2022 से ही लंबित है।
सिविल जज ने कोई फैसला नहीं किया। जबकि, अर्जी की सुनवाई के लिए कई बार तारीख लगाई गई, लेकिन मामले को निस्तारित नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अर्जी निस्तारित न होने से मूल अधिकार प्रभावित हो रहा है। ऐसे में कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिविजन को आठ सप्ताह में मामले को निस्तारित करने का आदेश दिया है। मामले में पक्षकार बनाए गए काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता विनीत संकल्प की ओर से कोई आपत्ति नहीं जताई गई। हिंदू पक्ष की ओर से अश्वनी कुमार ने पक्ष रखा।