ज्ञानवापी विवाद : ‘वजूखाना’ का भी होगा सर्वेक्षण? ASI की अर्जी पर कोर्ट ने क्या कहा,जानें

Gyanvapi Dispute Varanasi: वाराणसी की एक अदालत ने शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वेक्षण में ‘वज़ूखाना’ को शामिल करने का अनुरोध करने वाली अर्जी शनिवार को खारिज कर दी.

जिला सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया,’याचिका को खारिज करते हुए जिला न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने आदेश में कहा कि भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत विधिवत संरक्षित क्षेत्र का सर्वेक्षण नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन हो सकता है.’

यह याचिका वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह ने दायर की थी. अदालत ने 19 अक्टूबर को मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि फिलहाल वजूखाना को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण किया जा रहा है, लेकिन वजूखाना का सर्वेक्षण किए बिना ज्ञानवापी परिसर का सच सामने नहीं आ सकता.

मस्जिद पक्ष ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए अदालत से कहा कि वजूखाना वाले हिस्से को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सील किया गया है. उसने आरोप लगाया कि हिंदू पक्ष ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए ऐसी मांग की है.

एएसआई यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं.

एएसआई का सर्वेक्षण जुलाई में तब शुरू हुआ जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया था कि यह कदम ‘न्याय के हित में आवश्यक’ है और इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को लाभ होगा.

ज्ञानवापी विवाद: ‘वजूखाना’ का भी होगा सर्वेक्षण? ASI की अर्जी पर क्या बोला कोर्ट

मस्जिद पक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गया था. शीर्ष अदालत ने चार अगस्त को एएसआई सर्वेक्षण पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. ज्ञानवापी परिसर के चल रहे सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए एएसआई को छह नवंबर तक का समय दिया गया है.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *