Gyanvapi Case Update News: ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदुओं को पूजा की अनुमति दिए जाने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा. मुस्लिम पक्ष ने पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा था. वाराणसी कोर्ट ने अपने एक फैसले में ज्ञानवापी में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने की अनुमति दी थी.
ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा की अनुमति दिए जाने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उनकी याचिका पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. मस्जिद की देखभाल करने वाले अंजुमन इंतजामिया ने इस मामले में याचिका दायर की है.
क्या है मामला
दिल्ली की राखी सिंह ने अपनी चार महिला मित्रों के साथ ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में स्थित शृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं के दर्शन तथा पूजन की अनुमति की मांग करते हुए कोर्ट का रुख किया था. वाराणसी की अदालत में दायर की गई याचिका में दावा किया है कि मस्जिद के एक हिस्से प्लॉट नंबर 9130 में हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं. इस स्थान पर उन्हें पूजा की अनुमति दी जाए. याचिकाकर्ताओं ने सर्वे कराए जाने की भी मांग की थी. वाराणसी कोर्ट ने इस याचिका को मंजूर कर लिया था और अप्रैल 2022 में विशेषज्ञों की टीम के साथ सर्वे करने और उसकी वीडियोग्राफी करने के आदेश दिए थे.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण-एएसआई की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. वाराणसी जिला कोर्ट ने पिछले साल 21 जुलाई को एएसआई को एक सर्वे करने का निर्देश दिया था. काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मंदिर के ऊपर मस्जिद का निर्माण किया गया था या नहीं, यह जानने के लिए सर्वे कराए जाने का फैसला किया गया था.
ज्ञानवापी मुद्दे पर पहली बार याचिका 1991 में दायर की गई थी. इसमें याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि 16वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था. हालांकि, 1997 में वाराणसी सिविल कोर्ट ने कहा इस याचिका को रद्द कर दिया था.
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FIRST PUBLISHED : February 6, 2024, 05:14 IST