नई दिल्ली:
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई (ASI) सर्वे सामने आने के बाद से तनाव बढ़ गया है. इसे लेकर हिंदूवादी संगठन काफी आक्रामक हो चुके हैं. सबका कहना है कि मुस्लिम पक्ष को इस पर दावा वापस लेना चाहिए. इस दौरान ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुत्तेश्वरानंद भी आक्रामक हो चुके हैं. वे ज्ञानवापी की परिक्रमा पर अड़ चुके हैं. उन्होंने परिक्रमा को लेकर सोमवार को दोपहर तीन बजे का मुहूर्त भी तय किया था. उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए पुलिस अधिकारी मना रहे हैं. उनके मठ के आसपास भारी फोर्स तैनात दी गई है. जिन रास्तों से उन्हें निकलना है यहां पर पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है.
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शंकराचार्य की परिक्रमा के ऐलान को लेकर सोमवार सुबह से ही पुलिस अलर्ट मोड पर थी. शंकराचार्य दोपहर तीन बजे परिक्रमा के लिए निकलने वाले थे. सोनारनुरा, मदनपुरा, गोदौलिया होते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार से परिक्रमा आरंभ करने की बात कही गई थी. अविमुत्तेश्वरानंद जैसे ही अपने मठ से निकलने लगे तभी पुलिस ने उन्हें रोक लिया.
इस पर उन्होंने पुलिस से पूछा की जब वहां पर नमाज पढ़ने की रोक नहीं है तो उन्हें आखिर किस लिए रोका जा रहा है. इस दौरान पुलिस ने कहा कि वह कोई नई परंपरा न शुरू करें. इस पर शंकराचार्य बोले कि वह कोई नई परंपरा नहीं आरंभ करने जा रहे हैं. परिक्रमा करने की उनकी परंपरा काफी पुरानी है. पुलिस ने इस दौरान 144 का भी हवाला दिया.
स्वामी अविमुत्तेश्वरानंद के अनुसार, एक पक्ष कह रहा है कि यह शिवलिंग है. वहीं दूसरा पक्ष कह रहा है कि ऐसा कुछ नहीं है. ऐसे में न्यायलय को अंतरिम व्यवस्था बनानी होगी. इससे दोनों पक्ष जब एक केस चल रहा तब तक पूजा पाठ कर सके.