हरिकांत शर्मा/आगरा: ताजमहल से जुड़ा हुआ एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है. अब अखिल भारतीय हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने ताजमहल पर हर साल लगने वाले शाहजहां के उर्स पर पाबंदी लगाने के लिए आगरा की कोर्ट में याचिका दाखिल की है. हिंदू महासभा की मीना देवी और सौरभ शर्मा ने वकीलों की सहायता से आगरा कोर्ट में याचिका दाखिल की है. अखिल भारतीय हिन्दू महासभा का कहना है कि ताजमहल पर उर्स किसकी अनुमति से मनाया जा रहा है इसका प्रमाण दिया जाए. अन्यथा शाहजहां के उर्स को रोका जाए. इसके लिए हिंदू महासभा ने बाकायदा आगरा के कोर्ट में वाद दाखिल किया है सेलिब्रेशन कमेटी ताजगंज के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम जेदी को प्रतिवादी बनाया गया है. इस मामले पर 4 मार्च 2024 की सुनवाई होगी.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के पदाधिकारी ने कोर्ट में वाद दाखिल करने के बाद, मीडिया से बात करते हुए कहा कि ताजमहल पर उर्स किसकी अनुमति से मनाया जा रहा है? इतिहास के पन्नों या अभिलेखों में किसी भी तरह की कोई भी लिखित में सूचना उपलब्ध नहीं है. आगरा के इतिहास का राज किशोर राज ने कुछ महीने पहले आरटीआई के माध्यम से यह सवाल पूछा था कि ताजमहल में शाहजहां का उर्स किसकी अनुमति से मनाया जा रहा है तो किसी के पास कोई भी ऐसा रिकॉर्ड नहीं था जो साबित कर सके कि ताजमहल में उर्स किसकी अनुमति से मनाया जा रहा है.
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ताजमहल के 22 कमरों को लेकर विवाद
मार्च 2022 में भारतीय जनता पार्टी के अयोध्या मीडिया प्रभारी डॉ. रजनीश सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर ताजमहल के बंद 22 कमरों को खोलने की बात कही है. इन कमरों के भीतर किसी को जाने की इजाजत नहीं है. इसलिए, इन कमरों के भीतर हिंदू देवताओं और शास्त्रों की मूर्तियां होने की आशंका है. इस याचिका से ताजमहल पर विवाद खड़ा हुआ था कई हिंदूवादी ताजमहल को भगवान शिव का मंदिर होने का दावा भी करते हैं. डॉ. रजनीश ने भी इसी प्रकार की आशंका जताई थी. उनका कहना है कि हमने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एएसआई को तथ्यों का पता लगाने के लिए इन कमरों को खोलने और सभी विवादों को खत्म करने का अनुरोध किया है.
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FIRST PUBLISHED : February 3, 2024, 17:00 IST