
ANI
अपने बयान में एकनाथ शिंदे ने कहा कि राम मंदिर का विरोध करने वालों को रामलला का नाम लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बाला साहेब ठाकरे और करोड़ों राम भक्तों के सपनों को पूरा किया। कल एक ऐतिहासिक दिन था।
राम मंदिर को लेकर राजनीतिक जबरदस्त तरीके से जारी है। विपक्ष की ओर से आज भी भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर राम मंदिर के राजनीतिकरण का आरोप लगाया जा रहा है। इन सब के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर जबरदस्त तरीके से प्रहार किया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि राम मंदिर का विरोध करने वालों को रामलला का नाम लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बाला साहेब ठाकरे और करोड़ों राम भक्तों के सपनों को पूरा किया। कल एक ऐतिहासिक दिन था।
वहीं, शिव सेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मंगलवार को दावा किया कि यदि शिव सेना अस्तित्व में नहीं होती, तो अयोध्या मंदिर में भगवान राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम से उनकी पार्टी का रिश्ता सबसे पुराना और गहरा भावनात्मक है। यह उल्लेख करना उचित है कि शिव सेना (यूबीटी) और भाजपा की महाराष्ट्र इकाई राम जन्मभूमि आंदोलन में उनके योगदान को लेकर तीखी जुबानी जंग में लगी हुई है।
महाराष्ट्र भाजपा ने आंदोलन में उनके योगदान को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य और राउत पर हमला किया है। दूसरी ओर, सेना (यूबीटी) बाबरी मस्जिद को गिराने का श्रेय लेती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। यह देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि राम मंदिर को देखने के लिए 500 साल पुराना संघर्ष आखिरकार सफल हुआ। देशभर में दिवाली जैसा जश्न देखा गया।
#WATCH | Mumbai | Maharashtra CM Eknath Shinde says, “‘Jo Ram Ka nahin vo kisi kaam ka nahin’. Those who opposed the Ram temple do not have the right to take Ram Lalla’s name. PM Modi fulfilled the dreams of Balasaheb Thackeray & crores of devotees of Lord Ram…Yesterday was a… pic.twitter.com/1guwEqRROS
— ANI (@ANI) January 23, 2024
अन्य न्यूज़