जैसा इलाका, वैसी भाषा के फार्मूला पर होगी यूपी के स्कूलों में पढ़ाई! क्षेत्रीय बोलियों का होगा विकास

अंजली शर्मा/कन्नौज: उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बहुत जल्द ही जैसा इलाका-वैसी भाषा के फार्मूला का पालन किया जाएगा यानि यूपी के जिस इलाके में जैसी भाषा बोली जाती है छात्रों की पढ़ाई उसी भाषा में होगी. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में अवधी, ब्रजभाषा, भोजपुरी और बुंदेलखंडी, कन्नौजिया में पढ़ाई शुरू होगी. राज्य हिंदी संस्थान की तरफ से इस पहल की शुरुआत की गई है. इन भाषाओं में पाठ्यक्रम तैयार करने के साथ ही शिक्षकों का प्रशिक्षण भी लगभग पूरा हो चला है.

प्राचीन भाषाओं में से एक कन्नौज की कन्नौजिया भाषा को इस पहल से एक नई उड़ान मिलेगी. अब छात्रों को स्कूलों में कन्नौजिया भाषा सिखाई जाएगी. छात्रों को अब अपने पाठ्यक्रम में कन्नौजिया भाषा का ज्ञान दिया जाएगा. बदलते दौर में कन्नौज की प्राचीन भाषा विलुप्त होने वाली थी. ऐसे में अब कन्नौज की कनौजिया भाषा को नई उड़ान मिलने की आशा लोगों में जगी है.

इन क्षेत्रीय भाषाओं को किया गया शामिल
नई शिक्षा नीति-2020 में स्थानीय भाषा के शिक्षकों की देखरेख में 19 से 23 दिसंबर 2023 तक राज्य हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश वाराणसी द्वारा पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ था. इसमें प्रदेश के स्थानीय बोलियां का परिचय और स्वरूप के विकास को लेकर पाठ्यक्रम निर्धारित हुआ था. इसमें कन्नौजिया, कौरवी, बुंदेली, अवधी, भोजपुरी, और ब्रजभाषा को शामिल किया गया है.

इन शिक्षकों ने तैयार किया ये पाठ्यक्रम
औरैया के ब्लॉक अलचंदा के निर्गम प्राथमिक विद्यालय के टीचर प्रशांत अवस्थी, कन्नौज के जलालाबाद ब्लाक के कंपोजिट विद्यालय किसवापुर जसकरन सिंह और उच्च प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर जलालाबाद के आशीष कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से कन्नौजिया भाषा के पाठ्यक्रम को तैयार किया हैं. जल्द ही हिंदी संस्थान वाराणसी से इस पुस्तक का प्रकाशन होगा.

कारगर सिद्ध होगा ये कदम
राज्य हिंदी संस्थान की प्रवक्ता डॉक्टर गायत्री कनौजिया ने बताया कि क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए यह कदम कारगर सिद्ध होगा. उत्तर प्रदेश का भाषाई सर्वेक्षण संबंधी पुस्तक में कन्नौजिया विषय के अध्याय का लेखन करने वाले डॉक्टर प्रेम शंकर सिंह ने इस पहल की प्रशंसा की है.

प्राचीन भाषा की मिलेगी जानकारी
अध्यापक सुधांशु रेनू और सुबोध बताते हैं कि कन्नौजिया भाषा के पाठ्यक्रम की शुरुआत होने से कन्नौज के छात्रों को इस प्राचीन भाषा के बारे में अच्छी जानकारी मिलेगी. वहीं कन्नौज के इतिहास के बारे में भी छात्रों को जानकारी होगी. कन्नौजिया भाषा बदलते वक्त के दौर में लुप्त होती जा रही थी.

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