मनमोहन सेजू/बाड़मेर. पश्चिम राजस्थान के सरहदी बाड़मेर में अब किसान रासायनिक खेती को छोड़ जैविक खेती में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पहले किसान अधिक उत्पादन पाने के लिए अधिक से अधिक रसायन उर्वरकों का प्रयोग करते थे, लेकिन समय के साथ हुए बदलाव से किसान अब जैविक तरीके से खेती कर अपनी नई पहचान बना रहे हैं. ऐसे ही एक किसान है ओमप्रकाश मेहता.
एक ओर जहां ज्यादा उत्पादन की चाह में किसान अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कर रहे हैं, वहीं सरहदी जिले के किसान ओमप्रकाश मेहता ने रासायनिक उर्वरकों का उपयोग बंद कर जैविक खेती कर रहे है. इससे न केवल उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है बल्कि इससे उनकी आय भी बढ़ी है.
25 हजार लगाए पौधे
दरअसल, बाड़मेर शहर निवासी ओमप्रकाश मेहता ने 2 करोड़ की लागत से गोबर गैस प्लांट लगाकर जैविक खेती कर रहे है. इससे न केवल उनके अनार की उत्पादन क्षमता में वृद्वि हुई है बल्कि वह अच्छा मुनाफा भी कमा रहे है. ओमप्रकाश मेहता बताते है कि उन्होंने 35 रुपये में एक अनार का पौधा खरीदा और आज उनके यहां 25 हजार पौधे लहलहा रहे है. इतना ही आज उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है. वह बताते है कि वह हर साल पौधों में 40 किलो गोबर देते है जिससे उवर्रक क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
ड्रिप इरिगेशन विधि से करते हैं सिंचाई
वह बूंद बूंद सिचाई पद्दति से पौधों को पानी देते है जिससे पानी व्यर्थ नही जाता है. वह बताते है कि 2 करोड़ की लागत से बनाए पानी व गोबर गैस प्लांट में गुड़ व चना मिलाकर बैक्टीरिया विकसित किए जाते है जिससे जमीन में उत्पादन क्षमता का विकास होता है.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 23:43 IST