हाइलाइट्स
बेटे ने मां के शव को घर से 300 मीटर दूर जंगल में दफना दिया था.
पुलिस ने लाश को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टर किया और फिर पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास के एक गांव में एक युवका को मां के शव का अंतिम संस्कार रीति-रिवाज से न करना भारी पड़ गया. युवक के पास महज 150 रुपए थे. इतने कम पैसे में अंतिम संस्कार संभव नहीं था. लिहाजा, मां के शव को 300 मीटर दूर जगंल में दफना दिया. बेटे की इस लापरवाही पर पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
मामला भोपाल के बैरसिया तहसील के गांव गुनगा की है. 55 साल का जगदीश उर्फ जग्गा अपनी मां तुलसी बाई(उम्र 80 साल) के साथ दिल्लौद गांव में छप्पर बनाकर रह रहा था. तुलसी बाई की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी. 13 फरवरी की रात तुलसी बाई और उनका बेटा अपने घर में सो रहे थे लेकिन इस दौरान बीमार होने की वजह से तुलसी बाई की मौत हो गई. इस बीच जग्गा उठा और उसने अपनी मां के शव को देखने के बाद घर से कुछ ही दूर पर जंगलों में ले जाकर दफना दिया. इसके बाद जग्गा अपने घर वापस आकर ऐसे सो गया. सुबह उठने पर जग्गा रोजाना की तरह घर के बाहर बैठा हुआ था. इस दौरान आस-पास के पड़ोसियों ने उससे मां के बारे में पूछा, जिस पर जग्गा ने रात की पूरी बात बताई.
जग्गा की बात सुन लोगों को उस पर शक हुआ. उन्होंने पुलिस को कॉल कर सूचना दी. मौके पर पहुंचकर पुलिस की टीम ने शव निकालकर जांच शुरू की.
मां की मौत सामान्य हुई इसलिए हत्या का नहीं हुआ मामला दर्ज
मौके पर पहुंची पुलिस ने मां के शव को निकलावकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, तुलसी बाई की मौत सामान्य तरीके से हुई थी. इसके बाद 15 फरवरी को पुलिस की टीम और रिश्तेदारों ने मिलकर शव का रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कराया.
पुलिस से डरकर भाग गया था बेटा
पुलिस से डरकर जग्गा भाग गया था. लेकिन कुछ ही समय में जग्गा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. सख्त लहजे में पूछने पर जग्गा ने बताया कि उसके पास सिर्फ 150 रुपए थे, ऐसे में वह मां का अंतिम संस्कार रीति-रिवाज से नहीं कर सकता था इसलिए ही उसने मां के शव को दफनाना सही समझा. फिलहाल पुलिस ने छानबीन के बाद जग्गा के खिलाफ धारा 297 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
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FIRST PUBLISHED : February 19, 2024, 20:20 IST