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नई दिल्ली12 घंटे पहले
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कंसोर्टियम ने कर्जदाताओं का 350 करोड़ रुपए की राशि चुका दी है। जिसके बाद लेंडर्स ने NCLAT के सामने कहा था कि कंसोर्टियम की ओर से जमा की गई राशि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे सोर्सेस से हो सकती हैं।
भारतीय एयरलाइन जेट एयरवेज के लेंडर्स ने इसके नए मालिक जालान-कालरॉक कंसोर्टियम से इसके एक इन्वेस्टर फ्लोरियन फ्रिट्च पर यूरोप में चल रही धोखाधड़ी केस की जांच के बारे में जानकारी देने को कहा है। लेंडर्स ने सोमवार को इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें कंसोर्टियम से एफिडेविट के जरिए इसका जवाब देने को कहा है।
जेट एयरवेज के इन्वेस्टर फ्लोरियन फ्रिट्च पर फिलहाल ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड के बीच स्थित एक छोटी सी रियासत लिकटेंस्टीन में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच चल रही है। वहीं जालान एक दुबई बेस्ड इंडियन ओरिजिन बिजनेसमैन हैं।
लेंडर्स ने कहा- पेमेंट किए गए फंड मनी लॉन्ड्रिंग के हो सकते हैं
4 अक्टूबर को लेंडर्स ने नेशनल कंपनी लॉ एप्लीकेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के सामने कहा था कि कंसोर्टियम की ओर से जमा की गई राशि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे सोर्सेस से हो सकती है। उन्होंने कहा- रेजोल्यूशन प्लान के तहत इन पैसों के सोर्स की जानकारी देनी होती है। लेकिन कंसोर्टियम ने अभी तक इनके सोर्सेस का खुलासा नहीं किया है। लेंडर्स ने इसकी शिकायत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई ब्रांच से की है।
कंसोर्टियम के वकील मुकुल ने कहा- हर स्टेज पर पैसे मांग रहे लेंडर्स
कोर्ट में लेंडर्स के वकील हरीश साल्वे ने फंसे हुए फंड पर चिंता जाहिर की और फ्लोरियन फ्रिट्च पर कंसोर्टियम के ₹100 करोड़ रुपए की इन्वेस्टमेंट को देरी से जमा करने के तरीके अपनाने का आरोप लगाया। साल्वे के आरोपों के जवाब में कंसोर्टियम के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि लेंडर्स हर स्टेज पर पैसे मांग रहे हैं।
हालांकि, कंसोर्टियम ने 29 सितंबर को बता दिया था कि उसने जेट एयरवेज में ₹350 करोड़ लगाने के अपने कमिटमेंट के तहत पेमेंट कर दिया है। लेंडर्स ने इस एयरलाइन में करीब 400 करोड़ की पब्लिक मनी लगाई है, जिसमें एयरपोर्ट के कंस्ट्रक्शन का बकाया भी शामिल है।
गुरुवार तक सुनवाई पर रोक लगी
लेंडर्स के वकील साल्वे ने कोर्ट में कंसोर्टियम के खिलाफ चल रहे सभी मामलों को एक साथ करने को कहा। जबकि मुकुल रोहतगी ने इस मामले को अलग नेचर का बताया और अलग से ही सुनने का आग्रह किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी है।
साल 2019 से बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज को साल इस 28 अगस्त को NCLAT की ओर से अप्रूवल के बाद कंसोर्टियम को ₹200 करोड़ देने थे। ट्रिब्यूनल ने उसे 30 सितंबर तक ₹150 करोड़ परफॉर्मेंस बैंक गारंटी के साथ टोटल ₹350 करोड़ देने के लिए कहा था, जिसे उसने 30 सितंबर को चुका दिया था।
नरेश गोयल ने की थी जेट एयरवेज की शुरुआत
1990 के दशक की शुरुआत में टिकटिंग एजेंट से एंटरप्रेन्योर बने नरेश गोयल ने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड की शुरुआत कर लोगों को एअर इंडिया का ऑल्टरनेटिव दिया था। एक वक्त जेट के पास कुल 120 प्लेन थे और वो लीडिंग एयरलाइन में से एक हुआ करती थी।
‘दि जॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन वाली कंपनी जब पीक पर थी तो हर रोज 650 फ्लाइट्स का ऑपरेशन करती थी। जब कंपनी बंद हुई तो उसके पास केवल 16 प्लेन रह गए थे। मार्च 2019 तक कंपनी का घाटा 5,535.75 करोड़ रुपए का हो चुका था।
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2024 में शुरू हो सकती है जेट एयरवेज: जालान कालरॉक कंसोर्टियम ने 350 करोड़ रुपए का पेमेंट किया, 2019 से बंद है एयरलाइन
साल 2019 से बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज अगले साल यानी 2024 से शुरू हो सकती है। जालान कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) ने शुक्रवार 29 सितंबर को बताया कि उसने एयरलाइन के रिवाइवल के लिए 100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश पूरा कर लिया है।
इस निवेश के साथ, JKC ने एयरलाइन का कंट्रोल लेने के लिए कोर्ट की ओर से अप्रूव किए गए 350 करोड़ रुपए के फाइनेंशियल कमिटमेंट को पूरा कर दिया है। JKC ने कहा कि वो 2024 तक एयरलाइन शुरू करना चाहती है। लॉन्च डेट की घोषणा आने वाले हफ्तों में हो सकती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
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