जी20 सम्मेलन में यूक्रेन, जलवायु मुद्दों पर समझौते के लिए रचनात्मक तरीके से हिस्सा ले रहे: चीन

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उन्होंने कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है। माओ ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन पर, हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखेंगे, साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों के सिद्धांत का पालन करेंगे और संयुक्त रूप से चुनौती का जवाब देंगे।

चीन ने शुक्रवार को इस आलोचना को नजरअंदाज किया कि यूक्रेन और जलवायु मुद्दों से संबंधित प्रस्तावों पर उसकी आपत्तियां नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में एक समझौते को बाधित कर रही हैं। चीन ने कहा कि वह ‘‘सक्रिय और रचनात्मक तरीके से संबंधित चर्चा में भाग ले रहा है।’’
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने आलोचना की थी कि चीन द्वारा उठाई गई आपत्तियों के कारण यूक्रेन और जलवायु मुद्दों पर जी20 देशों द्वारा अभी तक समझौता नहीं किया जा सका है। इस बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन जी20 को बहुत महत्व देता है।
माओ ने यहां प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘चीन जी20 को बहुत महत्व देता है और उसने जी20 नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन दस्तावेज पर परामर्श और चर्चा में सक्रिय और रचनात्मक तरीके से हिस्सा लिया है।’’

माओ ने दोहराया कि ‘‘हम सर्वसम्मति कायम करने के सिद्धांत के तहत नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन में सकारात्मक परिणाम की दिशा में अन्य पक्षों के साथ काम करने को तैयार हैं।’’
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन शनिवार को नयी दिल्ली में शुरू होने वाला है और खबरों में कहा गया है कि सदस्य देशों ने एक संयुक्त वक्तव्य को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा पर ध्यान केंद्रित किया है।
हालांकि, माओ इस सवाल पर बचती नजर आईं कि पिछले साल जी20 के वक्तव्य में यूक्रेन में युद्ध पर एक हिस्सा शामिल था और क्या चीन नयी दिल्ली में यूक्रेन पर इसी तरह के हिस्से पर सहमत होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कड़ी निंदा की।

माओ ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 को अपने संकल्प पर ध्यान केंद्रित करने, व्यापक आर्थिक नीति समन्वय बढ़ाने और विश्व आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है।’’उन्होंने कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है। माओ ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन पर, हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखेंगे, साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों के सिद्धांत का पालन करेंगे और संयुक्त रूप से चुनौती का जवाब देंगे।

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