लखेश्वर यादव/ जांजगीर चांपा. प्रतिवर्ष माताएं अपने संतान के लिए जीवित्पुत्रिका (बेटा जुतिया) व्रत रखती हैं. यह व्रत हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तारीख को रखा जाता है. जो इस साल 6 अक्टूबर 2023, शुक्रवार को मनाया जाएगा. इस दिन माताएं अपने संतान के खुशहाली व लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. साथ ही निसंतान महिलाएं भी अपने संतान की कामना रखने की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं. इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत, स्थानीय भाषा में बेटा जितिया या बेटा जुतिया व्रत भी कहते है.
इसको लेकर महाराज बसंत तिवारी ने बताया कि अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि जीवित्पुत्रिका व्रत (बेटा जुतिया) रखा जाता है. इस दिन माताएं अपनी संतान (पुत्र, पुत्री) की खुशहाली व लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.
शुभ मुहुर्त अष्टमी तिथि 06 अक्टूबर को सुबह 07 बजे से प्रारंभ होगी और 07 अक्टूबर को सुबह 08 बजे तक है. इस दिन माताएं रात्रि में भगवान शिव जी और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर मौन रहकर पूजा करती है. पूजा पूरी कर लेने के बाद 21 दाना चना या मूंग अपनी संतान की दीर्घायु और खुशहाली के लिए भगवान में चढ़ाने के बाद उस चना या मूंग को निगलते (बिना काटे) है. उसके बाद बेटा जुतिया नाम से 16 गांठ वाली एक माला बनाए जाती है या बाजार में भी मिल जाती है. उसे धारण करती है.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2023, 12:15 IST