गुलशन कश्यप/जमुई: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ राधा रानी की पूजा की जाती है. फुलेरा दूज का त्योहार भगवान राधा कृष्ण को समर्पित है और ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दिन भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की एक साथ पूजा की जाए तो अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. फुलेरा दूज के दिन दान-पुण्य करने से जीवन में सुख समृद्धि का भी आगमन हो जाता है.
मूलतः इन इलाकों में मनाया जाता है यह त्यौहार
ज्योतिषाचार्य पंडित शत्रुघ्न झा बताते हैं कि आमतौर पर यह त्यौहार मथुरा, वृंदावन और उत्तर भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है. लेकिन अब देश के अन्य कई हिस्सों में भी फुलेरा दूज का त्यौहार मनाते हैं. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस वर्ष फुलेरा दूज के दिन कई विशेष शुभ मुहूर्त का निर्माण हो रहा है. ऐसे में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से कई प्रकार के शुभ फल की प्राप्ति होगी.
उन्होंने बताया कि उदया तिथि के अनुसार 12 मार्च को फुलेरा दूज का त्यौहार मनाया जा रहा है. आज के दिन रेवती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है जो रात 8:29 तक रहेगा.
कौन-कौन से शुभ योग बने
उन्होंने बताया कि फुलेरा दूज पर शुक्ल और ब्रह्म योग का निर्माण भी हो रहा है. शुक्ल और ब्रह्म योग का बनना ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ माना जाता है. आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अगर आज ईशान कोण में भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी के प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल, दूध, शक्कर, शहद से उनका अभिषेक किया जाना चाहिए.
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उन्हें नए वस्त्र और श्रृंगार का सामान अर्पित कर विधि-विधान से पूजा की जाए तो विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि फुलेरा दूज के दिन भगवान श्री कृष्ण को मक्खन, खीर इत्यादि का भोग लगाना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 09:34 IST