जीतनराम मांझी ने शुरू की प्रेशर पॉलिटिक्स! मांगा एक और मंत्री पद, बोले- मैंने महागठबंधन का CM ऑफर ठुकराया

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख जीतन राम मांझी ने आज (2 फरवरी) कहा कि हम 44 साल से राजनीति में हैं। बिहार में जब भी मंत्रिमंडल का गठन होता है तो आमतौर पर उसी दिन शाम तक विभागों का बंटवारा या विस्तार हो जाता है। मांझी ने कहा कि ‘महागठबंधन’ के लोग मुझे बिहार में मुख्यमंत्री पद की पेशकश कर रहे थे और उन्होंने मेरे परिवार के सदस्यों के साथ इस विषय पर पूरी चर्चा की थी। उन्होंने खुद के बारे में बोलते हुए कहा कि जीतन राम मांझी गरीब हो सकते हैं लेकिन बेईमान नहीं हो सकते। अगर कोई सोचता है कि वे मुझे किसी पोस्ट के लिए बड़ी रकम ऑफर कर सकते हैं तो यह सिर्फ उनकी गलतफहमी है। 

राज्य में 5 फरवरी तक कैबिनेट विस्तार हो जाएगा तो इसमें देरी नहीं होगी। मांझी ने कहा कि हमें दो मंत्री पद चाहिए, एक स्वतंत्र मंत्री को एक मंत्री पद दिया गया है, मगध में एक पद अनुसूचित जाति (एससी) को दिया गया है तो एक पद ऊंची जाति को भी दिया जाना चाहिए। हमारे पास अनिल सिंह एक मजबूत नेता हैं। उन्होंने कहा कि हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की थी, उन्होंने कहा था कि ये मुश्किल तो लगता है लेकिन मुश्किल काम को आसान बनाना अमित शाह के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। आपको बता दें कि राजद के नेतृत्व वाली महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए सात विधायक चाहिए थे। मांझी के पार चार विधायक हैं। यही कारण है कि मांझी अब एनडीए में दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

पूर्व सीएम ने कहा कि 5 फरवरी को कैबिनेट विस्तार होगा और उसी दिन विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा… मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि अगर निर्दलीय विधायकों को विभाग दिया ही जाता रहा है तो हम के पास पांच विधायक हैं तो हमें तो 2 विभाग मिलना ही चाहिए। इसी सिलसिले में हमने सीएम नीतीश कुमार, नित्यानंद राय और गृह मंत्री अमित शाह से बात की है। उन्होंने इस प्रस्ताव को न तो स्वीकार किया है और न ही अस्वीकार किया है। हमें उम्मीद है कि हमारी मांगें पूरी होंगी। 

गुरुवार (1 फरवरी) को मामले पर जारी एक संशोधित अधिसूचना के अनुसार, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नवगठित एनडीए सरकार 12 फरवरी को बजट सत्र के उद्घाटन दिवस पर विश्वास मत हासिल करेगी। इससे पहले, एक सप्ताह से भी कम पुरानी सरकार को 10 फरवरी को विश्वास मत हासिल करना था। हालांकि, एक ताजा अधिसूचना के अनुसार, सत्र अब 12 फरवरी को शुरू होगा जिसमें राज्यपाल का अभिभाषण भी होगा। जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, उन्होंने महागठबंधन और विपक्षी गुट इंडिया को छोड़कर भाजपा के साथ एक नई सरकार बनाई, जिसे उन्होंने 18 महीने से भी कम समय पहले छोड़ दिया था।



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