कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर
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आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह दबे होने के मामले में कोर्ट 27 अक्तूबर को सुनवाई करेगी। बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई में इस मामले में वक्फ बोर्ड की ओर से अधिवक्ताओं ने प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें कहा गया है कि उक्त कोर्ट को इस मामले में सुनवाई करने का अधिकार नहीं है। मथुरा के देवकीनंदन ठाकुर ने सिविल जज की अदालत में यह वाद दायर किया था।
देवकीनंदन ठाकुर की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विनोद शुक्ला ने बताया कि प्रार्थना पत्र का जवाब के देने के लिए अदालत से समय मांगा है। अदालत में इससे पूर्व भी विनोद शुक्ला ने पक्षकार बनाकर मामले में अमीन नियुक्त करने और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पार्टी बनाने के लिए प्रार्थनापत्र दिया था।
सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण की मूर्ति का दावा
कथा व्यास देवकीनंदन ठाकुर का दावा है कि आगरा की जामा मस्जिद में जो सीढि़यां बनी हैं, उनके नीचे भगवान केशवदेव मंदिर की मूर्तियां हैं। उन्होंने इतिहास की पुस्तकों का हवाला देकर बताया कि वर्ष 1670 में मुगल शासक औरंगजेब ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़ कर उस स्थान पर मस्जिद बनवा दी थी। मूर्तियां आगरा स्थित जहांआरा बेगम मस्जिद (छोटी मस्जिद) की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया। मुस्लिम लोग इन सीढ़ियों पर चढ़कर मस्जिद में जाते हैं। पवित्र मूर्तियां आज भी उनके पैरों के नीचे रौंदी जा रही हैं।