जानें कब है जन्माष्टमी 6 या 7 को? गया के आचार्य से दे रहे हैं पूरी जानकारी

कुंदन कुमार/गया : हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि श्रीकृष्ण विष्णु भगवान का आठवां अवतार हैं. इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है. इस त्योहार को लेकर कहानी है कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस दिन भक्त व्रत रखकर भगवान कृष्ण के जन्म के बाद रात 12 बजे पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि जन्माष्टमी का व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. संतान सुख की भी प्राप्ति होती है.

आज भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इसी उद्देश्य से मनाई जाती

भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का हिन्दू धर्म में एक अलग स्थान है. कथाओं और महाभारत के अनुसार मथुरा के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मां देवकी के गर्भ से उस समय हुआ था जब, चारों तरफ पाप, अन्याय और आतंक का प्रकोप था और धर्म जैसे खत्म सा हो गया था. धर्म को पुनः स्थापित करने के लिए ही द्वापर युग में कान्हा का जन्म हुआ. आज भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इसी उद्देश्य से मनाई जाती है. भारत के प्रत्येक हिस्से में जन्माष्टमी बड़े ही धूम-धाम से मनाई जाती है.

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इस तिथि को प्रारंभ होगी पूजा

गया वैदिक मंत्रालय पाठशाला के पंडित राजा आचार्य के अनुसार इस बार अष्टमी तिथि 6 सितंबर 2023 दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और 07 सितंबर दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. वहीं इसी दिन रोहिणी नक्षत्र 06 सितंबर सुबह 09:20 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा जो 7 सितंबर सुबह 10:25 मिनट तक रहेगा. इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें साथ ही इस दिन सुबह गंगाजल हाथ में लेकर व्रत का संकल्प लें. पंडित राजा आचार्य के अनुसार इस बार 6 और 7 सितंबर दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा सकता है. इस दिन पूरी तरह अन्न का त्याग कर देना चाहिए. भगवान के भोग के लिए अच्छे-अच्छे मिष्ठान बनाए.

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