जानिए क्या हैं स्वर्वेद मंदिर की विशेषताएं, जिसका पीएम मोदी ने काशी में किया उद्घाटन

highlights

  • दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर है स्वर्वेद मंदिर
  • वाराणसी से 12 किमी दूर उमराह में किया गया है निर्माण
  • 20 लोगों के बैठने की जगह है इस मंदिर में

नई दिल्ली:  

Swarveda Mahamandir Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी वाराणसी यात्रा के दौरान 18 दिसंबर को कई परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया. सबसे पहले पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने सोमवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे इसका उद्घाटन किया और मंदिर के बारे में जानकारी हासिल की. बता दें कि इस स्वर्वेद मंदिर को दुनिया के सबसे बड़े योग और मेडिटेशन सेंटर के रूप में देखा जा रहा है. इस मंदिर को बनाने की प्रेरणा संत सदाफल महाराज से मिली है. संत सदाफल महाराज के दुनियाभर में सैकड़ों आश्रम हैं. बताया जा रहा है कि इस इस मंदिर के निर्माण में लगभग एक हजार करोड़ रुपये की लागत आई है.

स्वर्वेद मंदिर से जुड़ी 10 बड़ी बातें

1. स्वर्वेद मंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा योग और मेडिटेशन सेंटर माना जा रहा है. जिसमें एक साथ 20 हजार लोगों के बैठने की जगह है. इस मंदिर में 125 पंखुड़ियों वाला कमल शिखर बनाया गया है. जो मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगाता है.

2. स्वर्वेद मंदिर वाराणसी से करीब 12 किमी दूर उमराह इलाके में बनाया गया है. मंदिर का निर्माण करीब तीन लाख वर्ग फुट के इलाके में किया गया है.

3. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस मंदिर को बनाने में करीब 600 श्रमिक और 15 इंजीनियर्स ने योगदान दिया है.

4. इस मंदिर की नींव साल 2004 में सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव और संत प्रवर विज्ञान देव ने रखी थी.

5. मंदिर करीब 101 फव्वारे लगाए गए हैं. सागौन की लकड़ी से बनी मंदिर की छत पर सुंदर कालाकृतियां बनाई गई हैं जो सुखद अहसास देती हैं.

6. इस मंदिर का नाम महा योगी और आध्यात्मिक गुरु श्री सदाफल देवजी महारजा के स्वर्वेद ग्रंथ के आधार पर रखा गया है.

7. मंदिर की इमारत 180 फुट की है. जो सात मंजिला है. मंदिर के निर्माण में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर की दीवारों पर करीब 3137 स्वर्वेद ग्रंथ के दोहे लिखे गए हैं.

8. इस मंदिर की बाहरी दीवार पर लगभग 138 महाभारत, रामायण, वेद उपनिषद, गीता आदि के चित्र बनाए गए हैं.

9. स्वर्वेद मंदिर में अंदर जड़ी-बूटीयों और औषधीयों से रहित एक बगीचा भी बनाया गया है. जो स्वस्थ्य जीवन को प्रेरित करता है.

10. इस मंदिर की दीवारों पर गुलाबी बलुआ पत्थर लगाए गए हैं जो मंदिर की शोभा को और बढ़ाता है.




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