जानिए उस मंदिर के बारे में जहां कन्हैया ने मां यशोदा को कराए थे ब्रह्मांड के दर्शन

सौरव पाल/मथुरा: ब्रज एक ऐसा स्थान है जहां कण-कण में भगवान श्री कृष्ण निवास करते है. भगवान श्रीकृष्ण के अद्भुत और अलौकिक लीलाओं के दर्शन कई जगह मिलते हैं. कृष्ण की अलग-अलग लीलाओं के कारण ही उन्हें कई नाम भी मिले. इसके साथ ही ब्रज ही वो जगह है जहां भगवान कृष्ण ने अपनी सभी लीलाएं की थी और आज भी ब्रज में कई ऐसे स्थान है जहां भगवान कृष्ण की लीलाओं के साक्षात प्रमाण मिल जाते है. ऐसा ही एक स्थान है गोकुल का ब्रह्मांड बिहारी मंदिर, जहां भगवान श्री कृष्ण ने मिट्टी खाई थी. ब्रह्मांड घाट पर स्थित इस मंदिर में मिट्टी के पेड़ों का भोग लगाने की सदियों पुरानी परंपरा है.

ब्रह्मांड बिहारी मंदिर मथुरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गोकुल में स्थित है. मंदिर सेवायत ने बताया कि गोकुल में भगवान कृष्ण जब अपने दोस्तों संग एक दिन गाय चराने आये तो खेल खेल में यमुना किनारे की मिट्टी खाने लगे. जिसकी शिकायत दोस्तों में माता यशोदा से की तो वह कृष्ण से मुँह खोलने के लिए कहने लगी. माता की आज्ञा पाकर कान्हा ने धीरे-धीरे अपना मुंह खोलना शुरू कर दिया. जैसे ही माता यशोदा ने भगवान के मुंह को देखा वो बेहोश हो गईं क्योंकि उनके मुंह में उन्हें मिट्टी नहीं बल्कि पूरा ब्रह्मांड दिखाई दे दिया था. तभी से भगवान का नाम ब्रह्मांड बिहारी पड़ गया और स्थान का नाम ब्रह्मांड घाट

भगवान कृष्ण को लगता है मिट्टी का भोग
मंदिर सेवायत ने बताया कि ब्रह्मांड बिहारी मंदिर में आज भी श्रीकृष्ण को मिट्टी का भोग लगाया जाता है. मंदिर के पास ही यमुना नदी बह रही है. यमुनाघाट से मिट्टी निकलवाई जाती है और उसे सुखाकर, कूटकर और छानकर उसके पेड़े तैयार किए जाते हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इन्हीं पेड़ों का प्रसाद श्रीकृष्ण को चढ़ाते हैं और खुद भी खाते हैं. मैया यशोदा को ब्रह्मांड के दर्शन कराने के कारण इस घाट का नाम ब्रह्मांड घाट पड़ा और भगवान का नाम ‘ब्रह्मांड में हरी’पड़ा

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