जातिगत गणना सर्वे रिपोर्ट: दबी जुबान से तेजस्वी की ताजपोशी की बातें, 3 डिप्टी सीएम बनाने की मांग

पटना. जातिगत सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद से ही बिहार की सियासत में हलचल है. आबादी के अनुरूप आरक्षण और जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात हो रही है. इस बी विभिन्न जातियों के नेता अपनी-अपनी जातियों को प्रतिनिधित्व देने की मांग कर रहे हैं. जातीय सर्वे के आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में यादवों की संख्या 14 प्रतिशत से अधि है. यादव जाति से डिप्टी सीएम तेजस्वी हैं और उन्हें 17.70 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले मुस्लिम समुदाय का पूरा समर्थन होने का दावा किया जाता है. ऐसे में दबी जुबान से ही सही, 2.87 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली कुर्मी जाति से आने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएम की कुर्सी छोड़ने और तेजस्वी यादव की को सीएम बनाने की बातें भी सियासी गलियारों में में उठने लगी है.

बिहार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की दबी जुबान से मांग के बीच विभिन्न जातियों से डिप्टी सीएम बनाने की भी मांग जोर पकड़ रही है. दरअसल, सरकार की ओर से जारी जातिगत गणना आंकड़ों के हिसाब से अति पिछड़ा वर्ग की आबादी का लगभग 36 प्रतिशत है, लेकिन इनके हिस्से से कोई डिप्टी सीएम नहीं है. वहीं अनुसूचित जाति की संख्या 19.65 फीसद और मुसलमान 17 प्रतिशत हैं. इन्हीं आंकड़ों का हवाला देकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने तीन नए डिप्टी सीएम बनाने की मांग सीएम नीतीश कुमार से की है.

अनिल शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के नारे एवं परोपकार अपने घर से ही शुरू होता है, की कहावत को चरितार्थ करना चाहिए. इसके लिए उन्हें अपने मंत्रिमंडल में एक-एक मुस्लिम, अतिपिछड़ा एवं अनुसूचित जाति के नेता को उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए.

वहीं, अब जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी यही डिमांड कर रही है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. तारा श्वेता आर्या ने पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट के सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि राज्य में अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग की बड़ी संख्या मौजूद है

उन्होंने कहा कि इन आबादी पर आजतक ध्यान नहीं दिया गया. ना तो इन्हें नौकरियों में ही वह अवसर मिल पा रहा है, ना सामाजिक हिस्सेदारी मिल रही है. इन्हें आरक्षण का उचित लाभ मिल नही मिल पा रहा है, जिसके वह हकदार हैं. ऐसी स्थिति में सरकार को इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि जिसकी जितने हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी.

इस बीच तेजस्वी यादव की ताजपोशी के लिए भी भीतर ही भीतर अभियान चलाए जाने की बात सामने आ रही है. वहीं, मुस्लिम मुख्यमंत्री की भी मांग हो रही है. इसको लेकर सोशल मीडिया में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री हैशटैग को ट्रेंड करवाया जा रहा है. बता दें कि जातिगत सर्वे रिपोर्ट के हिसाब से प्रदेश में 81.99 फीसदी आबादी हिंदू है और मुस्लिमों की संख्या करीब 17.7 प्रतिशत है.

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