जातिगत गणना रिपोर्ट: आबादी 18%; मगर हिस्सेदारी 8%, मुस्लिम, OBC, दलित और सामान्य वर्ग की स्थिति

हाइलाइट्स

जातियों के आधार पर बिहार सरकार में मंत्रियों की कितनी संख्या?
जातियों के आधार पर विधायकों-सांसदों की बिहार में क्या स्थिति?
आबादी के आधार पर किसकी हकदारी और कौन कर रहा हकमारी?

पटना. बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट 2 अक्टूबर को जारी कर दी. इसके अनुसार, बिहार में सबसे अधिक आबादी पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 27.12% पिछड़ा वर्ग और 36% जनसंख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है. दोनों को जोड़ दें तो इनकी संख्या 63% हो गई है. अनुसूचित जनजाति 19 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है. ऐसे में अब जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात करें तो बिहार विधानसभा में प्रतिनिधित्व के लिहाज से जो स्थिति है वह कुछ और तस्वीर सामने लाती है.

ओबीसी-ईबीसी का प्रतिनिधित्व भी जानिए- दूसरी ओर ओबीसी की बात करें तो बिहार विधानसभा में ओबीसी विधायकों की संख्या लगभग 42% है. इनमें सबसे अधिक यादव जाति के लगभग 21 प्रतिशत, वैश्य-10%, कुश‌वाहा लगभग 7% और कुर्मी लगभग 4% हैं. जबकि 19 प्रतिशत आबादी वाली एससी की उपस्थिति 16 प्रतिशत और एसटी की मौजूदगी 0.9% है. वहीं 17 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम विधायकों की संख्या लगभग 8% है.

मुस्लिमों की वाजिब हिस्सेदारी को लेकर सवाल
मौजूदा समय में बिहार में सबसे ज्यादा मंत्री पिछड़ा वर्ग (OBC) के हैं. बिहार सरकार के मौजूदा कैबिनेट में लगभग 63 प्रतिशत आबादी वाले ओबीसी से 55 प्रतिशत मंत्री हैं. इनमें खास बात यह है कि 14.26 प्रतिशत आबादी वाली यादव जाति से 23% मंत्री हैं. जबकि एससी, सवर्ण और दलित जातियों के मंत्रियों की हिस्सेदारी लगभग 17-17% है. खास बात यह है कि मुस्लिमों की आबादी 17.70 प्रतिशत है और विधानसभा में 19 मुस्लिम विधायक हैं. यानी विधानसभा में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 7.81 प्रतिशत है, जो कि आबादी के लिहाज से -9.89% प्रतिशत कम है.

कितने मंत्री किस जाति से?
विधान सभा सीटों की संख्या के लिहाज से बिहार में अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. लेकिन, वर्तमान में मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को मिलाकर कुल 31 सदस्य हैं. राजद के 14 विधायक, जदयू के 12 विधायक मंत्री वर्तमान में हैं. कांग्रेस के दो, एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह हैं और वाम दलों से एक भी मंत्री नहीं है.

सामान्य वर्ग के 26% विधायक और 33% सांसद
बिहार के मौजूदा विधानसभा में 15.52 प्रतिशत आबादी वाले सामान्य वर्ग के विधायकों की संख्या लगभग 26% है. इनमें 3.45 प्रतिशत आबादी वाली राजपूत जाति की उपस्थिति सबसे अधिक है. इस जाति के मंत्रियों की संख्या लगभग 12 प्रतिशत है. राजपूत के बाद करीब 3 प्रतिशत आबादी वाले भूमिहार विधायकों की संख्या 9% और 3.66 प्रतिशत आबादी वाले ब्राह्मण विधायकों की संख्या लगभग 5% है.

अब बिहार के सांसदों के जाति की स्थिति से समझिए
बिहार के सांसदों में जातियों की हिस्सेदारी देखें तो अति पिछड़ा वर्ग के 7, एससी वर्ग से 6, यादव-5, कुशवाहा 3, वैश्य-3, कुर्मी- कायस्थ 1-1, राजपूत 7, भूमिहार 3, ब्राह्णण-2 और मुस्लिम-2 सांसद हैं. बता दें कि मौजूदा समय में बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) को 18% और पिछड़ा (OBC) को 12% आरक्षण दिया जा रहा है. यानी ईबीसी और ओबीसी को मिलाकर 30% के रिजर्वेशन का प्रावधान है.

Tags: Bihar News, Bihar politics, Caste Based Census, Caste politics

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