जातिगत गणना: चर्चा के लिए नीतीश कुमार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, कइयों ने पूछा- हमारी आबादी कम कैसे हो गई ?

पटना. बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट आ गई है. नीतीश सरकार ने जातिगत गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया लेकिन इसके साथ ही बिहार की सियासत भी बेहद गर्म हो गई है. इसी सियासी हलचल के बीच सीएम नीतीश कुमार ने संवाद में मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें जातिगत गणना की रिपोर्ट को लेकर तमाम पार्टियों के नेताओं को जानकारी देनी थी, साथ ही आगे क्या कुछ हो सकता है इस पर चर्चा भी की.

बैठक लगभग 2 घंटे तक चली बैठक में शामिल नेताओं ने अपनी-अपनी राय भी रखी. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से रू-बरू होते हुए कहा कि इस जातीय आंकड़े में कई खामियां हैं और इस बात को सरकार ने स्वीकार किया है. हमने मांग की है कि जो लोग वंचित रह गए हैं, जिनके रिपोर्ट में कमी और खामी है वह अपनी आपत्ति या शिकायत कैसे दर्ज करेगा और 17 बिंदुओं पर जो जानकारी मांगी गई है वह पब्लिक डोमेन में कैसे जाएगा ? कैसे लोग इसकी जानकारी लेंगे? तो इन्होंने निजता की बात की, जिसके जवाब में मैंने कहा कि इसमें निजता की कोई बात नहीं है. इन सारी चीजों को सुधार की जरूरत है कि जो कमी रह गई है, उसे सरकार ने भी स्वीकार किया.

विजय सिन्हा ने कहा कि जो खामियां हैं, उसका संशोधन किया जाए और हड़बड़ी में कई गड़बड़ियां रह जाती हैं. हम गरीबों के उत्थान के लिए चाहते हैं कि उनका भी विकास हो. उनके उत्थान के लिए हमारे प्रधानमंत्री जी भी काफी इच्छुक रहते हैं. विजय सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि आर्थिक सामाजिक गणना की रिपोर्ट आने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान लाया जा सकता है. औवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के बिहार प्रदेश के प्रमुख और विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि लोगों का पेशा, लोगों की जाति से तय होता है. उसकी गरीबी और अमीरी भी उसकी जाति से तय हो जाती है. आंकड़े साइंटिफिक तौर पर आ गए हैं तो यह बता रहे हैं कि किसकी कितनी आबादी है.

इमान ने कहा कि यह जानकर खुशी होगी कि आंकड़ों के जरिए से पिछड़ों की आबादी 63% हो गई है. इसमें उनका आकार बढ़ना चाहिए वहीं मुस्लिमों के लिए जो काफ़ी पिछड़े है उन्हें भी अलग से आरक्षण का फ़ायदा मिलना चाहिए. कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि बीजेपी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि जब लोकसभा और राज्यसभा में उनकी स्थिति मजबूत है तो उन्होंने इस मामले में रिसोर्सेस क्यों नहीं दिया वहीं उन्होंने कहा अब जब रिपोर्ट आ गई है तो जो बेहतर कदम उठाना होगा वो सरकार उठाएगी.

भाकपा माले के नेता महबूब आलम ने कहा कि कुछ लोगों की गणना नहीं हो पाई है तो उसका भी होना चाहिए, ये मुद्दा उठा जिस पर मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि इसे देखा जाएगा. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी मुद्दा उठाया कि जातिगत गणना में कई जातियों की गणना ठीक तरीके से नहीं हुई है, इसमें काफी खामियां हैं. उन्होंने इसे लेकर अपनी खुद की जाति का हवाला देकर भी बोला कि उनकी जाति कि आबादी कैसे कम हो गई ये हैरान करने वाली बात है.

Tags: All Party Meeting, Bihar News, Bihar politics, Caste Based Census, PATNA NEWS

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *