जागेश्वर नाथ धाम में कार्तिक पूर्णिमा के साथ अनोखी कुष्मांडा आरती

अर्पित बड़कुल/दमोह. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है. इसी को लेकर दमोह जिले के पवित्र सिद्ध क्षेत्र जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर में हर साल की तरह इस साल भी कार्तिक पूर्णिमा मनाई गई. सुबह से भारी संख्या में स्वंयम्भू को जल चढ़ाने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा. संध्या होते होते करीब 1 लाख भक्तों ने भगवान स्वंयम्भू के दर्शन कर धर्मलाभ अर्जित किया. रात्रि में करीब 8 बजे के पश्चात विशेष कुष्मांडा आरती की गई.

कार्तिक पूर्णिमा के पहले बैकुंठ चतुर्दशी को वर्ष में एक बार मध्य रात्रि में भगवान जागेश्वर नाथ धाम के मंदिर के कपाट खोले जाते हैं और यही वह मंगलकारी घड़ी होती है, जब हरिहर का मिलन होता है. इस अद्भुत नजारे को देखने जिले के अलावा आस पास के जिले सागर, जबलपुर, छतरपुर, पन्ना और टीकमगढ़ के श्रद्धालु दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. भगवान जागेश्वर नाथ के समक्ष अपनी इच्छा प्रकट करते हुए अपने घरों को वापिस लौट जाते हैं.

भारी संख्या में बांदकपुर पहुंचते हैं शिव उपासक
जिले के अलावा दूरस्थ क्षेत्र से आए शिव भक्त जलाभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं. साथ ही कार्तिक मास में पवित्र नदी, सरोवर में स्नान करने वाली कार्तिक साखियों, स्त्रियों के अलावा यादव समाज के लोगों ग्वालो का वरेदी नृत्य पूरी रात चलता है, जो देखने में बहुत अद्भुत होता है.

मंदिर के प्रबंधक राम कृपाल पाठक ने बताया कि सोमवार का दिन भगवान शंकर का माना जाता है और इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा होने के कारण करीब 1 लाख श्रद्धालु भक्तों की भीड़ भगवान जागेश्वर नाथ महादेव के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़ी है. सुबह से ही पूजन जलाभिषेक निरन्तर चलता रहता है. यह मन्दिर लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र है. जहां भगवान स्वंयम्भू के दर्शन करने के लिए बहुत दूर दूर से भक्त आते हैं.

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