विशाल झा/ गाजियाबाद: देश भर में गणेश उत्सव का जश्न मनाया जा रहा है. गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश का जोरदार स्वागत किया जाता है और गली, मोहल्ले घरों, दफ्तरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इस उत्सव के 10 दिनों के बाद गणेश जी की पूजा करने के पश्चात भक्त भगवान गणेश को विसर्जित कर देते हैं. अगले साल भगवान गणेश को फिर से मंगलमय रूप में देखने की इच्छा के साथ ही भक्त विधि-विधान से भगवान गणेश का मुहूर्त के हिसाब से विसर्जन करते हैं.
इस बीच विसर्जन के दौरान ढोल- नगाड़े और म्यूजिकल बैंड के साथ भगवान गणेश को धमाकेदार विदाई दी जाती है. गाजियाबाद के पटेल नगर द्वितीय में भगवान गणेश की इस बार अनोखी विदाई की गई. गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित छोटा हरिद्वार में नहीं और ना ही हिंडन घाट पर बल्कि पार्क के गड्ढे में भगवान गणेश को विसर्जित किया गया.
जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी?
स्थानीय निवासी विनीत त्यागी ने कहा कि भगवान गणेश जी का उत्सव काफी धूमधाम से मनाया जाता है. जब गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश का आगमन होता है तो उसके कुछ दिनों बाद ही इनका विसर्जन किया जाता है. इसलिए हम लोगों ने नई पहल की शुरुआत करते हुए इस बार गणेश भगवान की प्रतिमा को गड्ढे में विसर्जित किया. पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे इसलिए भगवान गणेश की प्रतिमा भी मिट्टी की बनी ही लाए थे और उनको जहां पर स्थापित किया उसको वहीं पर विसर्जित करने का प्लान बनाया ताकि बच्चों तक पर्यावरण के लिए संदेश जा सके. सभी कॉलोनी वासियों ने इस फैसले का स्वागत किया और सभी में भगवान गणेश के गड्ढे में विसर्जन को लेकर काफी उत्साह है. वहीं स्थानीय निवासी रुचि में बताया कि इस बार महिलाओं का पार्टिसिपेशन काफी ज्यादा है. ढोल- नगाड़े और संगीत के साथ भगवान गणेश की विदाई की जा रही है. जिस गड्ढे में भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित किया गया है. वहां पहले अच्छे से सफाई की गई. इसके बाद गंगाजल से शुद्धिकरण किया गया और अब भगवान गणेश की प्रतिमा को वहां पर विसर्जित किया गया.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 23:31 IST