जल जीवन मिशन, अजब अधिकारियों का गजब कारनामा, भ्रष्टाचार की हदें की पार!

जयपुर. जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने के आने के बाद जलदाय विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जयपुर से सटे नवगठित दूदू जिले में योजना में नियम कायदों को ताक में रखकर करीब 150 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को पलीता लगा दिया गया. भ्रष्टाचार की बू आने के बाद जब इसकी जांच कराई तो चौंकाने वाले कई तथ्य सामने आए. घोटाले की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने इसकी जांच कर रिपोर्ट जल जीवन मिशन के मैनेजिंग डायरेक्टर बचनेश अग्रवाल को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जांच में ठेकेदार और अधिकारियों के हैरान कर देने वाले कारनामे सामने आए हैं.

दूदू में 150 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार करने वाली फर्म और जलदाय विभाग के अधिकारियों के कारनामों की जांच के लिए जलदाय विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा के निर्देश पर संयुक्त शासन सचिव बचनेश अग्रवाल ने उच्च स्तरीय समिति को जांच का जिम्मा सौंपा था. इस जांच समिति में अतिरिक्त मुख्य अभियंता अमिताभ शर्मा, अधीक्षण अभियंता जयपुर ग्रामीण आनंद मीणा, अधीक्षण अभियंता भवानी सिंह शेखावत और अधीक्षण अभियंता नरेन्द्र शर्मा के साथ पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी. इसने दूदू प्रोजेक्ट में अनियमितताओं की जांच की है.

पांच सदस्यीय जांच समिति ने दूदू के कई इलाकों की पाइपों की गहराई की नाप करवाई है. समिति इस समय हैरान रह गई जब अधिकांश जगहों पर जांच में पाइप लाइन की गहराई मात्र पांच से छह इंच तक पाई गई. जबकि विभाग के नियमानुसार पाइप लाइन की गहराई एक मीटर करना अनिवार्य है. इस पर जांच समिति ने दूदू अधीक्षण अभियंता भगवान दास गालव को मौके पर बुलाया.

पाइप लाइनों की गहराई कम होने पर जांच समिति ने दूदू अधीक्षण अभियंता से जवाब तलब किया. लेकिन दूदू के जलदाय विभाग के अधिकारी जांच समिति के सवालों का कोई जवाब नहीं दे सके. जांच समिति ने गैर आबादी क्षेत्र में डाली गई पेयजल पाइप लाइन के मामले की भी जांच की. जांच समिति उस समय हैरान रह गई जब 225 एमएम मुख्य राइजनिंग लाइन को शहर से बाहर बिना आबादी वाले क्षेत्र में डाल दिया गया.

मैसर्स यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी ने विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत कर बिना आबादी वाले क्षेत्र में डाली गई पाइप लाइन का भुगतान भी उठा लिया. दूदू की जनता ने जांच समिति के सामने जलदाय विभाग के अधिकारियों के कामकाज को लेकर गहरी नाराजगी जताई. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी जांच समिति के सामने ही जलदाय विभाग के अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई. जांच के बाद उच्च स्तरीय टीम ने दूदू अधीक्षण अभियंता कार्यालय में 150 करोड़ के प्रोजेक्ट की फाइलों को तलब किया.

मैसर्स यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी को पूरा भुगतान करने के बावजूद भी बालाजी कॉलोनी, शिवाजी नगर, पावर हाउस गली, महरिया मौहल्ला आदि इलाकों मे पेयजल सप्लाई नहीं हो पा रही है. अतिरिक्त मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में बनी जांच समिति ने जल जीवन मिशन के मैनेजिंग यरेक्टर बचनेश अग्रवाल को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जांच समिति की ओर से गई जांच रिपोर्ट में दूदू जल जीवन मिशन योजना में भारी अनियमितताओं की शिकायत की गई है. इसके साथ ही जलदाय प्रशासन ने 150 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में अनियमितताओं की गहनता से उच्च स्तरीय जांच के लिए भी लिखा है.

Tags: Jaipur news, Jal Jeevan Mission scam, Rajasthan news

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