“जल्द ही मिलेंगे, जाइये और जीतकर आइये…” : लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रियों से बोले PM मोदी

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ‘‘विकसित भारत : 2047” के लिए दृष्टि पत्र और अगले पांच वर्षों के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पर मंथन किया गया.  सरकार के सूत्रों ने बताया कि बैठक में, मई में नयी सरकार के गठन के बाद तुरंत उठाए जाने वाले कदमों के लिए 100 दिवसीय एजेंडे के शीघ्र क्रियान्वयन पर चर्चा की गई. मंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम जल्द ही फिर मिलते हैं, जाइये चुनाव जीत कर आइए. मंत्रियों को अपने करीब एक घंटे के संबोधन में प्रधानमंत्री ने उन्हें विवादों से बचने और डीपफेक से सावधान रहने की सलाह भी दी.

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पीएम मोदी ने मंत्रियों को डीप फेक के खतरों से किया सावधान 

पीएम ने मंत्रियों को आगाह किया कि बोलने में परहेज़ करें. जो भी बयान दें, सोच समझ कर दें. आजकल डीप फेक का चलन है जिसमें आवाज़ बदलकर कोशिश की जाती है, इससे सतर्क रहें. जो भी बोलना है योजनाओं पर बोलें, विवादित बयानों से बचें. मैने राज्यसभा के सांसदों को चुनाव लड़ने को कहा था. पीएम ने कहा कि विकसित भारत की झलक आगामी पूर्ण बजट में दिखनी चाहिए जो इस बार जून में पेश होगा. 

2 साल में तैयार हुआ है विज़न डॉक्यूमेंट

सरकार के सूत्रों ने बताया कि बैठक में, मई में नयी सरकार के गठन के बाद तुरंत उठाए जाने वाले कदमों के लिए 100 दिवसीय एजेंडे के शीघ्र क्रियान्वयन पर चर्चा की गई.  उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित भारत” के लिए ‘रोडमैप’ दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है. सूत्रों ने कहा कि इसमें सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग संगठनों, नागरिक समाज संस्थाओं, वैज्ञानिक संगठनों के साथ व्यापक परामर्श तथा युवाओं के सुझावों को समाहित करते हुए ‘‘सरकार का समग्र” दृष्टिकोण शामिल है.

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘विभिन्न स्तरों पर 2,700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए. 20 लाख से अधिक युवाओं से सुझाव प्राप्त हुए.” सूत्रों ने कहा कि ‘‘विकसित भारत” के लिए रोडमैप में स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई राष्ट्रीय दृष्टि, आकांक्षाएं, लक्ष्य और कार्यों के साथ एक व्यापक खाका है. 

उन्होंने कहा कि इसके लक्ष्यों में आर्थिक विकास, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), जीवन को आसान बनाना, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचा और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्र शामिल हैं.  बैठक में कई मंत्रालयों ने अपने विचार व्यक्त किए. यह बैठक लोकसभा चुनाव की तारीखों की निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा किए जाने से पहले इस तरह की संभवत: आखिरी बैठक है. 

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