हाइलाइट्स
जयपुर एयरपोर्ट अपडेट
विमान का किराया पांच से छह लाख रुपये प्रति घंटा
हेलिकॉप्टर का किराया प्रति घंटा दो से ढाई लाख रुपये है
जयपुर. जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन दिनों सियासी उड़ानों की बाढ़ सी आ गई है. नियमित उड़ानों के साथ साथ दिन में 7 से 8 निजी विमान जयपुर एयरपोर्ट से रोज संचालित हो रहे हैं. निजी विमान कंपनियां इन दिनों जमकर चांदी कूट रही है. हेलीकॉप्टर से लेकर चार्टड विमान तक रोज जयपुर के आसमान में चक्कर लगा रहे हैं. कुछ नेताओं ने तो अपने लिए चुनावों तक हेलीकॉप्टर को बुक कर लिया है.
राजस्थान में एक तरफ धीरे धीरे मौसम सर्द होने लगा है तो दूसरी तरफ सियासत का मौसम गर्म होने लगा है. राजस्थान में विधानसभा चुनाव है और इसी सिलसिले में जयपुर एयरपोर्ट आजकल नियमित उड़ानों के साथ साथ निजी उड़ानों में पूरी तरह व्यस्त है. जयपुर एयरपोर्ट से रोज 7 से 8 निजी विमान या हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं. चुनावों के दौरान नेताओं को गांवों और कस्बों तक जनता के बीच जाना होता है और समय की कमी के चलते सड़क मार्ग का इस्तेमाल नहीं करते हैं. लिहाजा चुनाव खत्म होने तक कुछ नेताओं ने अस्थाई तौर पर अपने लिए हेलीकॉप्टर और विमान बुक कर लिए हैं.
बड़े नेता इस्तेमाल कर रहे हैं ये विमान और हेलिकॉप्टर
प्रमुख नेताओं में सीएम अशोक गहलोत और प्रभारी रंधावा हेलीकॉप्टर VT-WCL का इस्तेमाल कर रहे हैं. पूर्व सीएम वंसुधरा राजे हेलीकॉप्टर VT-IKR का इस्तेमाल कर रही हैं. रालोपा चीफ हनुमान बेनीवाल हेलीकॉप्टर VT-OXF का इस्तेमाल कर रहे हैं. सचिन पायलट हेलीकॉप्टर VT-JSH का उपयोग कर रहे हैं. केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी हेलीकॉप्टर VT-GVI का इस्तेमाल कर रहे हैं. कांग्रेस चार्टड विमान VT-OBR का नियमित काम में ले रही है. वहीं केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी चार्टड विमान VT-BAF का इस्तेमाल कर रहे हैं.
विमानों का किराया 5 से 6 लाख रुपये प्रति घंटे तक हुआ
ये वो चुनिंदा नाम और पार्टियां हैं जो पिछले एक महीने से इन विमानों और चॉपर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनके अलावा दूसरे राज्यों से जो नेता चुनावों प्रचार के लिए प्रदेश आ रहे हैं वो भी निजी विमानों के जरिए ही जयपुर आ रहे हैं. निजी विमान कंपनियों के सूत्रों ने बताया कि हेलीकॉप्टर का किराया 2 से ढाई लाख रुपये प्रति घंटे तक लिया जा रहा है. निजी विमानों का किराया 5 से 6 लाख रुपये प्रति घंटे तक चार्ज किया जा रहा है.
लोकसभा चुनावों तक नहीं थमेगा सिलसिला
देखा जाए तो मोटे तौर पर इन विमानों के संचालन का ज्यादा असर नजर नहीं आ रहा. लेकिन कभी कभार इनके संचालन की वजह से नियमित उड़ानों में 10 से 20 मिनिट की देरी हो जाती है. बहरहाल ये उड़ानें अब लोकसभा चुनावों तक नहीं रूकने वाली हैं. क्योंकि विधानसभा चुनावों के खत्म होने के बाद लोकसभा चुनावों की सरगर्मियां शुरू हो जाएंगी. इसके कारण उड़ानें एक बार फिर से प्रदेश के आसमान में नजर आने लगेंगी.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2023, 17:14 IST