जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने पुलिसकर्मियों से कहा : सतर्क रहें

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने सोमवार को कहा कि खतरा अभी भी बरकरार है और पुलिसकर्मियों को श्रीनगर के एक मैदान में क्रिकेट खेलते समय एक पुलिस अधिकारी पर हमले जैसी घटनाओं को लेकर सतर्क एवं सावधान रहना होगा।

श्रीनगर के एक क्रिकेट मैदान में क्रिकेट खेलने के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस में निरीक्षक मसरूर अहमद वानी को रविवार को गोली मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
डीजीपी सिंह ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “हमें सतर्क रहना होगा। आसपास अभी भी खतरा बरकरार है; हम इन्हें हल्के में नहीं ले सकते। हमें सावधान रहना होगा, हमें सतर्क रहना होगा। मैं प्रार्थना करता हूं कि वह (वानी) जल्द ठीक हो जाएं।”

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने पुलिसकर्मी पर उस समय हमला किया, जब वह क्रिकेट मैच खेल रहे थे।
सिंह ने कहा, “हमारे एक अधिकारी लोगों के साथ घुलने मिलने, क्रिकेट खेलने गये थे। वह अधिकारियों की एक टीम के साथ क्रिकेट मैदान में खेल रहे थे। उन्हें (राष्ट्र-विरोधी तत्वों) गोली मार दी। वह घायल हैं, वह ठीक हो रहे हैं, वह अस्पताल में हैं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान आगामी चुनावों के मद्देनजर माहौल को खराब करने की कोशिश करेगा, सिंह ने इस्लामाबाद का नाम लिए बिना कहा कि पड़ोसी देश ने हमेशा जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने का प्रयास किया है।

उन्होंने कहा, “चुनाव हों या न हों, वह (पाकिस्तान)यहां आतंकवाद बनाए रखने के लिए, जम्मू-कश्मीर में हमेशा शांति भंग करने की कोशिश करता रहा है,लेकिन हमारी बहादुर जेकेपी (जम्मू-कश्मीर पुलिस) सेना सहित अन्य बलों और लोगों के समर्थन से उस ढांचे और दुश्मन के बुरे इरादों को नाकाम करने में सफल रही है। मुझे यकीन है कि यह जारी रहेगा।”

मंगलवार को सेवानिवृत्त होने वाले सिंह ने जम्मू क्षेत्र के अरनिया सेक्टर में संघर्ष-विराम उल्लंघन की घटना को कोई खास तव्वजो न देने की कोशिश करते हुए इसे एक ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया।
उन्होंने कहा, “फिलहाल मैं इसे ध्यान भटकाने की कोशिश के रूप में देखता हूं। वहां तैनात हमारे लोगों ने कारणों पर गौर करने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों हुआ है। वे अभी भी पुष्टि और सत्यापन की प्रक्रिया में हैं। इससे ज्यादा मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर पाऊंगा।”

सिंह ने कहा, “मैं जो कह सकता हूं, वह यह है कि संघर्ष-विराम पर सहमति से दोनों तरफ की सीमा पर रहने वाले लोगों को काफी राहत मिली है और इसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं। मेरा मानना ​​है कि इस तरह की समझ जारी रहनी चाहिए।”

नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि पर डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा ग्रिड सीमाओं की रक्षा करने और दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेरने में सक्षम है।

उन्होंने कहा, “हमारे तत्व एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मजबूती से तैनात हैं…। सैनिकों का मनोबल बहुत ऊंचा है। वे हमारी जमीन के हर इंच की रक्षा कर रहे हैं। जिस दिन मैं गया था, उस दिन माछिल इलाके में हमारी मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पांच आतंकवादी मारे गए थे। आज फिर एक और मुठभेड़ हो रही है। हमें इस संबंध में जल्द अपडेट मिलेगा।”

सिंह ने कहा, “हमारे सैनिक सीमा पर स्थिति को मजबूती से नियंत्रित कर रहे हैं। इस साल सबसे ज्यादा मुठभेड़ एलओसी पर हुई हैं। उन्होंने और अधिक आतंकवादियों को इस तरफ भेजने की कोशिश की है, लेकिन हमारे लोग बहुत सतर्क हैं। वे पूरी तरह से तैयार हैं। वे हमारे प्रतिद्वंद्वी के मंसूबों से पूरी तरह वाकिफ हैं।”

उन्होंने कहा, “इसलिए वे एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ करने वाले अधिकांश आतंकवादियों को मार गिराने में सफल रहे हैं। मुझे यकीन है कि हमारे सैनिक सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे। हमारा सुरक्षा ग्रिड बहुत मजबूत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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