नई दिल्ली. जाली दस्तावेजों के आधार पर लोन लेकर दोपहिया वाहन खरीदने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से कुल 13 दोपहिया वाहन बरामद हुए हैं.
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), आईएफएसओ हेमंत तिवारी ने कहा कि दोपहिया वाहनों के लिए ऑनलाइन लोन प्रदान करने वाली एक फाइनेंस कंपनी से शिकायत मिली थी. कंपनी ने शिकायत में कहा कि उसने पिछले साल फरवरी से मई तक 35 दोपहिया वाहनों के लिए लोन प्रदान किया था. तिवारी ने कहा कि हालांकि, बाद में पता चला कि लोन जाली पहचान और तस्वीरों का इस्तेमाल करके प्राप्त किए गए थे जिसके बाद मामला दर्ज किया गया.
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि विभिन्न डीलरों ने वाहन आरोपियों को सौंपे थे. डीसीपी ने कहा कि लोन हासिल करने के लिए अलग-अलग मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया था. इन नंबरों का विश्लेषण करने पर पता चला कि इनसे दो व्यक्तियों अंकित और हर्ष से कई बार संपर्क किया गया. पुलिस ने कहा कि अंकित और हर्ष आधार व पैन कार्ड सहित जाली दस्तावेजों का उपयोग करके वाहनों के लिए लोन हासिल करने के लिए अन्य सह-आरोपियों के साथ एक गिरोह चला रहे थे.
पुलिस ने कहा कि हरियाणा के सोनीपत से गिरफ्तार किए गए अंकित ने खुलासा किया कि उसने कोविड के दौरान ब्याज के आधार पर लोन देने का व्यवसाय शुरू किया था. डीसीपी ने कहा कि वह दिल्ली के समीर के संपर्क में आया, जिसने एक वित्त कंपनी के माध्यम से जाली व नकली दस्तावेजों पर लोन के माध्यम से वाहन निकलवाने की योजना बनाई, जिसमें ज्यादातर दोपहिया वाहन थे.
उन्होंने कहा कि अंकित ने समीर को फाइनेंस करना शुरू किया और फर्जी नामों पर 35 से 40 दोपहिया वाहन निकलवाए और उन्हें लाभ के आधार पर निसार नामक व्यक्ति को बेच दिया. डीसीपी ने कहा कि निसार ने गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया कि उसने वाहनों को समीर को बेचने की व्यवस्था की थी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए समीर ने भी पुलिस को बताया कि उसने अंकित और निसार की मदद से पूरी साजिश रची और उसे अंजाम दिया.
डीसीपी ने आगे कहा कि सभी आरोपी पहले भी आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं. तिवारी ने कहा कि उनके पास से एक बाइक समेत कुल 13 दोपहिया वाहन और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए.
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FIRST PUBLISHED : January 3, 2024, 19:26 IST