जब माता ने इस जगह को किया था हैजा मुक्त, जानिए बिहार के इस मंदिर की कहानी 

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया : आज से कई वर्ष पूर्व की बात है. जब पूर्णिया शहर को काला पानी का शहर कहा जाता था. वहीं पूर्णिया में लोग जिंदगी जीने के लिए परेशान रहा करते थे. शहर हैजा जैसी गंभीर बीमारी से काफी ग्रसित हो चुका था. जिस कारण यहां के लोग पूरी तरह प्रभावित हो गए थे और हैजा बीमारी से कई लोगों की मौतें भी हो चुकी थी. तभी पूर्णिया जिला के मरंगा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 8 में सार्वजनिक दुर्गा माता मंदिर की स्थापना कराई गई. इसके बाद धीरे धीरे यह इलाका इस बीमारी की चंगुल से मुक्त हो गया.

जानिए क्या है इस मंदिर की महिमा

जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी के सदस्य रंजीत कुमार, श्याम दास ,विपिन कुमार , कोषाध्यक्ष भीम कुमार यादव एवं अनिल यादव सहित अन्य स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पूर्णिया में आज से कई वर्ष पूर्व हैजा की बीमारी का प्रकोप बहुत तेज था. इस समय बंगाल से शरणार्थियों के द्वारा बेल के वृक्ष में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती थी. उनलोगों ने आधी अधूरी पूजा छोड़ दी और चले गए. उसके बाद पूर्णिया में हैजा बीमारी पूरी तरह फैल गया.

इसके बाद स्थानीय मरंगा के लोगों ने अपने सूझबूझ और सामूहिक प्रयास से मां दुर्गा माता के इस मंदिर की 1985 में स्थापना करवाई. साथ ही साथ ग्रामीणों ने बताया किया माता वैष्णवी का रूप है. इस मंदिर में बलि नहीं चढ़ाई जाती है .साथ ही साथ लोगों ने कहा नवरात्र के मौके पर इस मंदिर प्रांगण में अलग-अलग तरह के आयोजन कराए जाते हैं जिसमें बालक बालिकाओं के लिए दंगल प्रतियोगिता, रावण वध एवं संस्कृति कार्यक्रम सहित मनोरंजन के कार्यक्रम भी किया जाता है.

हैजा बीमारी ही नहीं अन्य बीमारी भी होती ठीक

लोगों का मानना है कि पूर्णिया के मरंगा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 8 में स्थित सार्वजनिक दुर्गा माता मंदिर में लोग दूर-दूर से आकर मां की पूजा अर्चना करते हैं. वही इस मंदिर में आने वाले भक्तों की निश्चित ही मनोकामनाएं और अन्य कई बीमारी भी ठीक होती हैं. तब लोगों की आस्था और बढ़ गया.

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