जब नहीं था कार्ड का चलन तब कैसे देते थे शादी का निमंत्रण? जानें पुराना तरीका

ओम प्रकाश निरंजन/कोडरमा. अभी शादियों का सीजन चल रहा है और निमंत्रण देने के लिए लोग अब जान-पहचान वालों को सोशल मीडिया के जरिए डिजिटल कार्ड भेज रहे हैं. पर, क्या आप जानते हैं जब शादी के कार्ड का चलन ही नहीं था, तब कैसे निमंत्रण दिया जाता था? बदलते जमाने के साथ कई पौराणिक परंपराओं में भी बदलाव देखने को मिला है. लेकिन, आज भी कुछ जगहों पर ऐसी प्रथाएं जीवित हैं.

समाज में अलग-अलग जाति के लोगों का परंपराओं के निर्वहन में अलग-अलग महत्व है. इन्हीं के बीच नाई (ठाकुर) का भी खास स्थान है. लोकल 18 से विशेष बातचीत में नाई अजय शर्मा ने बताया कि दो-तीन दशक पहले जब कार्ड छपाने की परंपरा कम थी, तब अलग-अलग परिवारों के लिए एक नाई होता था जो विभिन्न कर्मकांड के अवसर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था.

खाना तैयार होने के बाद ‘विजय’
अजय ने बताया कि पहले ग्रामीण क्षेत्र में किसी परिवार में शादी की तिथि निर्धारित होने पर या किसी प्रकार के सामूहिक आयोजन में नाई गांव में घूम कर घर-घर पहुंच कर लोगों को शादी से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए आमंत्रित करते थे. इसके बाद प्रीतिभोज (रिसेप्शन) से कुछ समय पहले एक बार पुनः नाई पड़ोस में घूम कर लोगों को एक खास शब्द ‘विजय’ का प्रयोग कर भोजन तैयार होने की जानकारी देते थे.

शादी में ‘चुल्हिया बारन’
अजय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बड़े स्तर पर निमंत्रण देने के लिए घर-घर जाकर ‘ चुल्हिया बारन’ शब्द का प्रयोग करते थे, जिसका मतलब उस घर के बच्चे, बड़े, महिला से लेकर बुजुर्ग सभी लोगों को शादी के विभिन्न आयोजन के साथ रिसेप्शन का निमंत्रण दिया गया है. इसका अर्थ होता था कि जिस दिन शादी वाले घर में रिसेप्शन होगा, उस दिन निमंत्रण दिए गए घर में चूल्हा नहीं जलेगा. सभी लोगों के भोजन की व्यवस्था शादी वाले घर में की गई है.

इस परंपरा में अपनेपन की झलक
अजय ने बताया कि हालांकि शादी का कार्ड प्रचलन में आने के बाद आज भी कई ग्रामीण इलाकों में इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है. इस परंपरा के माध्यम से परिवारों के बीच संबंधों में मिठास और अपनापन का भाव प्रदर्शित होता है. कई स्थानों पर आज भी शादी का कार्ड बांटने की जिम्मेदारी नाई को दी जाती है. शादी का निमंत्रण घर- घर देने पर उन्हें इसके बदले में अंग वस्त्र, अन्न एवं कुछ धनराशि दी जाती थी.

Tags: Kodarma news, Local18, Marriage news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *