जब अयोध्या में विराजे श्रीराम, MP में हुआ 11000 हनुमान चालीसा का पाठ

दीपक पाण्डेय/खरगोन. कई सदियों के बाद आज 22 जनवरी 2024 को अभिजीत मुहूर्त में प्रभु श्रीराम अपनी जन्मभूमि अयोध्या में विराजे है. जिस समय राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी. ठीक उसी समय मध्य प्रदेश के खरगोन में कुंदा नदी के तट पर 11000 हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ चल रहा था.

लगभग 500 वर्षो के लंबे इंतजार और 31 वर्षो के कड़े संघर्ष के बाद आखिरकार प्रभु श्रीराम टेंट से निकलकर त्रेतायुगीन महलनुमा मंदिर में विराज रहे है. इस खुशी में पूरा देश उत्सव मना रहा है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में खरगोन एवं आस-पास के क्षेत्रों से 100 विद्वान पंडितो ने करीब तीन घंटे में 11000 हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ पूरा किया है.

छोटे पंडित और बालिकाएं भी शामिल –
बता दें की यह आयोजन सहकार भारती के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं बजरंग दल के पूर्व क्षेत्रीय संयोजक प्रकाश रत्नपारखी द्वारा प्राचीन श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर में किया गया है. प्रातः 9:30 सभी पंडितों ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया. आयोजन में छोटे पंडित और बालिकाओं ने भी शामिल होकर हनुमान चालीसा का पाठ किया.

एक स्थान पर 11000 पाठ –
आयोजक प्रकाश रत्नपारखी ने कहा कि खरगोन शहर ही नहीं पूरा देश राममय हो गया है. यह विशेष आयोजन भी अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में ही किया गया है. 11000 हनुमान चालीसा का पाठ एकसाथ, एक स्थान पर पूर्ण हो रहा है. पाठ संपन्न होने के पश्चात आरती और प्रसाद वितरण भी होगा.

1984 से अबतक खरगोन की भूमिका –
उन्होंने कहां कि यह एक विशेष आयोजन अनुष्ठान होता है. हनुमान चालीसा का पाठ करने से शक्ति का संचार होता है जो क्षेत्र के लोगों को एक नई ऊर्जा देता है. 1984 में राम मंदिर मुक्ति आंदोलन शुरू होने से लेकर अब तक रामजी की कई लीलाएं हुई है. इसमें पूरे देश में हर कार्य में खरगोन सबसे अग्रणी रहा है.

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