जबलपुर: गौरी घाट पर होगी महाआरती, यहां लाखों की संख्या में पहुंचते हैं लोग

भरत तिवारी/जबलपुर. संस्कारधानी जबलपुर में स्थित गौरी घाट नर्मदा तट पर दीपोत्सव के पावन पर्व पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महा आरती की तैयारी में श्रद्धालु जुटे हुए हैं. गौरी घाट नर्मदा तट पर होने वाली महाआरती की तैयारी में क्षेत्रीय लोगों और कई श्रद्धालुओं ने तट की साफ सफाई से लेकर साज सज्जा का कार्य शुरू कर दिया है. दीपावली के पावन पर्व पर हर वर्ष गौरी घाट में विभिन्न प्रकार की साज सज्जा और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें श्रद्धा भाव के साथ श्रद्धा भक्ति भाव में विलीन होकर मां नर्मदा की आरती में उपस्थित होते हैं.

बता दें कि जबलपुर गौरी घाट में सिर्फ क्षेत्रीय लोग ही नहीं बल्कि हजारों लाखों की संख्या में बाहर से भी लोग आकर इस महा आरती में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं.जबलपुर के गौरी घाट नर्मदा तट की काफी मान्यताएं भी प्रसिद्ध हैं. बताया जाता है कि यहां पर कई ऐसे पौराणिक स्थान हैं, जिसके बारे में पौराणिक ग्रंथों में भी लेख हैं. यहां पर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर मां नर्मदा में डुबकी लगाते हैं. साथ ही सर्दियों के समय यहां बड़ी संख्या में आने वाले हंसों के झुंड को भी दाना डालते हैं.

उलटी दिशा में बहती है नदी
मां नर्मदा की खूबसूरती के बारे में बात करें तो यहां माता नर्मदा का बहाव उलटी दिशा में रहता है. बताया जाता है की माता गौरी ने जबलपुर गौरी घाट के इस नर्मदा तट पर सदियों तक तपस्या की थी जिसके बाद से इस नर्मदा तट का नाम गौरी घाट के नाम से प्रसिद्ध हो गया.माता गौरी की इस तपोभूमि गौरी घाट के अंदर भी कई घाट आते हैं जिनके अलग-अलग नाम के साथ सबकी अलग-अलग पहचान भी है जिसमे उमा घाट, जिल्हेरी घाट, दरोगा घाट जैसे कई घाट है जिनकी अपनी-अपनी पहचान और कथाएं है.

महाआरती में पहुंचते है हजारों भक्त
अपने-अपने नमो को लेकर वह प्रसिद्ध है. गौरी घाट में नर्मदा तट के दूसरी तरफ गुरुद्वारा भी है जहां पर 24 घंटे लंगर चलता रहता है जहां श्रद्धालु तरह-तरह से सजाई हुई नाव में सफर कर तट के दूसरी तरफ जाकर गुरुद्वारा का भ्रमण करते हैं, गौरी घाट में काफी श्रद्धालु यहां आकर नौका विहार का भी आनंद उठाते हैं, जहां विभिन्न प्रकार से सजाई हुई नौगांव में बैठकर श्रद्धालु लुफ्त लेते हैं. शाम होते ही 7:30 बजे संध्या आरती का इंतजार करते-करते श्रद्धालुओं की घाट में भीड़ लग जाती है, जिसमें हर वर्ष दीपावली के पावन पर्व पर तट में महा आरती का भव्य आयोजन किया जाता है. हजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु महा आरती का हिस्सा बनते हैं और माता नर्मदा का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं.

ठीक हो जाती है गंभीर बीमारी
ऐसा माना जाता है की माता नर्मदा के आशीर्वाद से शरीर की बीमारियां और समस्त पाप धुल जाते हैं, ऐसा बताया जाता है कि माता नर्मदा की उत्पत्ति ब्रह्मदेव के आंसुओं से हुई है जिन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त है जिसमें जो भी मां नर्मदा के दर्शन करेगा उसका कल्याण होगा, माता नर्मदा की उत्पत्ति को लेकर कई पौराणिक कथाएं सुनाई जाती हैं अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार अपने-अपने पुरखों से सुनी हुई कथाएं माता नर्मदा के बारे में जगत में प्राजूलित हैं.

Tags: Diwali, Jabalpur news, Local18

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *