जन्म से हाथ नहीं हैं, पैर से लिखकर 12 में हासिल किए 82%, कलेक्टर बने मददगार

रीवा. रीवा के दिव्यांग छात्र कृष्ण कुमार की कहानी प्रेरणा और जज्बे से भरी है. कृष्ण के जन्म से दोनों हाथ नहीं हैं. लेकिन उसने दोनों पैरों से लिखना सीखा और 82 अंक के साथ पहले 12वीं की परीक्षा पास की और फिर कम्प्यूटर में बीएससी किया. जब आगे की पढ़ाई में बाधा आयी तो कलेक्टर उसके मददगार बनकर पहुंचे और पढ़ाई की व्यवस्था की.

अपने पैरों से लिखकर सफलता प्राप्त करने वाला दिव्यांग छात्र कृष्ण कुमार साकेत अब घर बैठे यूपीएससी की ऑनलाइन तैयारी कर सकेगा. मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने भाठी सेंगर गांव में छात्र के घर पहुंचकर उसको लैपटॉप और यूपीएससी की तैयारी के लिए गाइड्स और किताबें प्रदान कीं.कलेक्टर ने कहा ऑनलाइन पढ़ने के लिए जल्द ही वह व्यवस्था करेंगे. साथ ही आश्वासन दिया कि कृष्ण कुमार के जो सपने हैं वह साकार होंगे. कृष्ण कुमार की चाहत कलेक्टर बनने की है.

जन्म से नहीं हैं हाथ
दिव्यांग छात्र कृष्ण कुमार साकेत के बचपन से दोनों हाथ नहीं हैं. हायर सेकंडरी स्कूल की परीक्षा में पैरों से लिखकर 82 प्रतिशत अंक अर्जित कर सबको चौंका दिया था. इसके बाद कम्प्यूटर के साथ बीएससी की पढ़ाई की. लेकिन आगे की पढ़ाई गरीबी के कारण प्रभावित हो रही थी. इसकी जानकारी मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को मिली तो एक सप्ताह पहले छात्र से मिलने उसके घर पहुंचे थे. कृष्ण ने बताया था कि वह कलेक्टर बनना चाहता है. लेकिन उसके पास पढ़ने के लिए ना तो किताबें थीं और न ही अन्य पढ़ाई संसाधन हैं. छात्र की प्रतिभा देखकर कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने आस्वस्त किया था कि वह जल्द ही पढ़ने एवं रोजगार की व्यवस्था करेंगे.

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किताबें लेकर पहुंचे कलेक्टर
वादे के मुताबिक कलेक्टर लैपटॉप और किताबें लेकर भाठी सेंगरान पहुंचे. कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने कहा जैसे ही यह समाचार सुर्खियों में आया कि दिव्यांग कुछ करना चाहता है लेकिन उसके पास संसाधन नहीं है तो इंदौर से हरमीत कौर का उन्हें फोन आया कि उन्हें आपत्ति न हो तो वह कृष्ण कुमार को लैपटॉप देकर मदद करना चाहती हैं. अजय श्रीवास्तव ने लैपटॉप देने की सहमति प्रदान की और दो दिन पहले ही लैपटॉप कलेक्टर के पास आ गया.

परिवार का भी इंतजाम
कलेक्टर ने कहा कृष्ण को आर्थिक सहयोग के लिए उसे कलेक्टर कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य दिया जाएगा और उसके परिवार की माली हालत ठीक रहे इसके लिए उन्होंने आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिया कि समूह बनाकर ऋण देने की व्यवस्था करें. जिससे कृष्ण कुमार का छोटा भाई एवं परिवार के अन्य सदस्य अगरबत्ती उद्योग डाल सकें. कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने कहा कृष्ण कुमार कलेक्टर बने यह मेरी इच्छा है. मैं समय-समय पर उसकी मदद करता रहूंगा.

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