जन्मोत्सव पर उज्जैन काल भैरव का सोने के आभूषणों से श्रृंगार, आज रात आतिशबाजी

शुभम मरमट/उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध महाकाल की नगरी में काल भैरव जयंती की धूम है. भगवान काल भैरव का स्वर्ण के आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया है. मंगलवार की सुबह से ही हजारों भक्त बाबा की एक झलक पाने को मंदिर में पहुंच रहे हैं. काल भैरव मंदिर के पुजारी ऐश्वर्य चतुर्वेदी ने बताया कि बाबा का जन्मोत्सव रात्रि से ही चालू हो गया है.

इस बार अष्टमी सोमवार की मध्य रात्रि 12:30 बजे से होने के कारण बाबा का रात में भव्य श्रृंगार कर पूजन आरती व महाप्रसाद का वितरण किया गया. वहीं मंगलवार रात तक अष्टमी होने के कारण आज रात्रि में भी बाबा के दरबार में आतिशबाजी होगी. बाबा की यहां प्रतिमा बेहद चमत्कारी है, जो मदिरा ग्रहण करती है. यह देखने श्रद्धालु देश विदेश से आते हैं.

मंदिर से जुड़ी खास बात यह है की
भगवान कालभैरव का मंदिर क्षिप्रा नदी के किनारे भैरवगढ़ क्षेत्र में स्थित है. इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां भगवान काल भैरव की प्रतिमा को शराब का भोग लगाया जाता है और काल भैरव स्वयं शराब ग्रहण करते हैं. पुजारी द्वारा शराब का प्याला काल भैरव के मुख से लगाया जाता है. यह शराब पल भर में गायब हो जाती है. यह चमत्कार देखने लोग देश विदेश से आते हैं.

स्कंद पुराण में उल्लेख
उज्जैन में काल भैरव के दर्शन का विशेष महत्व है. इसका उल्लेख स्कंद पुराण के अवंति खंड में मिलता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, अष्ट महाभैरव में काल भैरव, विक्रांत भैरव, सीता विराजमान भैरव, अटल पाताल भैरव, आनंद भैरव, बटुक भैरव, दण्डपाणि भैरव आदि का उल्लेख है. उनकी स्वीकृत यात्रा एवं व्रत उपवास करने से इच्छित मनोरथ की प्राप्ति होती है.

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