जड़ी-बूटियों में शुद्ध रत्न है यह हर्ब्स, हिमालय की चोटियों में शुद्ध संजीवनी, मिल जाए तो सीधे घर ले आएं

Jamboo Amazing Benefits: यह एक तरह का मसाला है जिसका इस्तेमाल लोग सब्जियों में स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं. इसे जिम्बू, जंबू, झांबू, फारन (Jhambu/ jambu/ faran/ jimbu) जैसे कई नामों से जाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम Allium stracheyi है. यह मूल रूप से हिमालय की चोटियों पर उत्तराखंड में पाया जाता है. इसमें गुलाब की तरह फूल भी लगते हैं. यह बेहद खुशबूदार होता है. उत्तराखंड में इस जंबू की पत्तियों को लोग सूखा लेते हैं और इसे रख लेते हैं जिसका कई तरह से खाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी पत्तियों को घी में रोस्ट कर कई महीनों तक स्टोर किया जा सकता है. इसके अलावा इसके तने से सब्जी भी बनाई जाती है. आमतौर पर फारन या जंबू मसाले से लोग किसी भी सब्जी या दाल में तड़का लगाते हैं. यह मसाला सब्जियों के स्वाद को कई गुना बढ़ा देता है. जितना यह स्वाद बढ़ाने में माहिर है, उतना ही यह औषधीय गुणों से भरपूर है. अगर इसे पहाड़ की चोटियों की संजीवनी कहें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं.

फारन पौधे की हर चीज का इस्तेमाल

हर्बल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, मंडाल, गोपेश्वर के वैज्ञानिक वी पी भट्ट कहते हैं कि हिमालय के खजाने में कई दुर्लभ मेडिसीनल प्लांट पाए जाते हैं जिनमें फारन का विशेष महत्व है. फारन को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भोटिया समुदाय के मार्छा लोग इसे कोच कहकर पुकारते हैं, वही तोलछा लोग लोदम और पिथौरागढ़ के भोटिया समुदाय इस मसाले को धुंधवार कहते हैं. फारन की पत्तियां बहुत पतली होती हैं. इसके 250 अलग-अलग प्रजातियां होती हैं. फारन पौधें की हर चीज का इस्तेमाल किया जाता है. इस प्लांट के तने को लोग सब्जी बनाकर खाते हैं. फारन से करी भी बनाई जाती है.

कई असाध्य बीमारियों का इलाज

इकोनोमिक बोटनी जर्नल में फारन या जंबू प्लांट को लेकर एक स्टडी प्रकाशित हुई थी. इसके लेखक के. एस नेगी हैं. स्टडी में फारन की 10 प्रजातियों पर विश्लेषण किया गया है. अध्ययन करने पर पाया गया कि फारन कई बीमारियों के लिए दवाई की तरह काम करता है. इससे पेट से संबंधित बीमारियां जैसे कि गैस, अपच और कब्ज को दूर किया जा सकता है. वहीं जंबू का सेवन करने पर खून साफ होता है जिससे नसों में ताकत आती है. जंबू ब्लड शुगर को कम करने में भी बेहद कारगर साबित होता है. इसके अलावा अस्थमा, जॉन्डिस, सर्दी-खांसी को दूर करने के लिए भी जंबू का इस्तेमाल किया जाता है. फारन या जंबू में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होता है जिसका मतलब है कि इससे जोड़ों का दर्द और अस्थमा के लक्षण को भी कम किया जा सकता है. फारन दर्द के लक्षण को भी कम करता है. फारन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल को भी घटाया जा सकता है. इससे हार्ट हेल्दी होता है. फारन पर हुए कई अध्ययनों के बाद उत्तराखंड के नंदादेवी वायो स्फेयर रिजर्व वाले इलाके में इसकी खेती बढ़ गई है. इसे नेपाल और उत्तर-पूर्व में भी उपजाया जाता है.

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